हैदराबाद। तेलंगाना धर्मस्व मंत्री कोंडा सुरेखा (Minister Konda Surekha) ने आलमपुर (Alampur) स्थित ऐतिहासिक जोगुलम्बा मंदिर के पूर्ण और नियोजित विकास की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर तेलंगाना सचिवालय में मंदिर के मास्टर प्लान पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष चिन्ना रेड्डी भी मौजूद रहे
इस बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष चिन्ना रेड्डी, धर्मस्व विभाग की प्रमुख सचिव शैलजा राम अय्यर, आयुक्त वेंकट राव और धार्मिक सलाहकार गोविंदा हरि सहित प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान, मंत्री सुरेखा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मंदिरों, विशेषकर कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों के पवित्र संगम पर स्थित जोगुलम्बा शक्ति पीठम के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मंदिर का विकास तीन चरणों में किया जाएगा और इसका कुल बजट 382.5 करोड़ होगा।
मंदिर के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य गौरव बढ़ाने के मामले में कोई समझौता नहीं: मंत्री
मंत्री सुरेखा ने अधिकारियों को भविष्य में श्रद्धालुओं, पर्यटकों और आगंतुकों की बड़ी संख्या को संभालने के लिए बुनियादी ढाँचा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुनः पुष्टि की कि इस प्राचीन मंदिर के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य गौरव को संरक्षित करने और बढ़ाने के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जोगुलम्बा मंदिर को किसने नष्ट किया?
मंदिर को 14वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
विशेष रूप से, बहमनी सुल्तानों के आक्रमण के दौरान यह मंदिर क्षतिग्रस्त हुआ था।
जोगुलंबा मंदिर जाने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?
सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार देवी पूजन के लिए विशेष माने जाते हैं।
जोगुलंबा मंदिर में कौन सी नदी बहती है?
जोगुलंबा मंदिर तुंगभद्रा नदी (Tungabhadra River) के तट पर स्थित है।
तुंगभद्रा नदी कृष्णा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है और इस क्षेत्र को पवित्रता प्रदान करती है।
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