Hyderabad : STEM के लिए कल्पना शी

By Kshama Singh | Updated: July 28, 2025 • 11:10 PM

छात्राएं अनुसंधान प्रयोगशालाओं का लगा रही हैं पता

हैदराबाद। ‘कल्पना शी फॉर एसटीईएम’ कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, विज्ञानशाला ने TGSWREIS, टीजीटीडब्ल्यूआरईआईएस और MJPTBCWREIS के सहयोग से भारत के दो प्रमुख शोध संस्थानों में विशेष प्रदर्शन दौरे का आयोजन किया। तीन कल्याणकारी सोसायटियों के अंतर्गत 47 सरकारी डिग्री कॉलेजों की कुल 94 छात्राओं और 47 संकाय सदस्यों ने सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) में एक्सपोजर विजिट में भाग लिया

प्रयोगों का किया अवलोकन

इन यात्राओं का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक अनुसंधान की वास्तविक दुनिया की समझ प्रदान करना था। उन्होंने उच्च-स्तरीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया, वैज्ञानिकों से बातचीत की, चल रहे प्रयोगों का अवलोकन किया और व्यावहारिक वैज्ञानिक गतिविधियों में भाग लिया। ये सत्र कक्षा में सीखने की प्रक्रिया को वास्तविक समय के अनुसंधान अनुभव से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए थे।

‘कल्पना शी फॉर STEM’ कार्यक्रम

47 डिग्री कॉलेजों में लागू ‘कल्पना शी फॉर STEM’ कार्यक्रम, युवा महिलाओं को STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के क्षेत्रों में अन्वेषण और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। मार्गदर्शन, करियर मार्गदर्शन और इस तरह के अनुभव-आधारित दौरों के माध्यम से, इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा, आत्मविश्वास और दीर्घकालिक प्रेरणा का निर्माण करना है।

कल्पना किसे कहते हैं, कई के लिए कल्पना का क्या महत्व है?

मानव मस्तिष्क में विचारों, चित्रों या संभावनाओं की रचना करने की मानसिक प्रक्रिया को कल्पना कहते हैं। यह नवाचार, साहित्य, विज्ञान और आविष्कारों का आधार है। कई लोगों के लिए कल्पना उनकी रचनात्मकता, समस्याओं के समाधान और भविष्य की दिशा तय करने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

Stem क्षेत्र क्या होता है?

यह क्षेत्र चार प्रमुख विषयों — विज्ञान (Science), प्रौद्योगिकी (Technology), अभियांत्रिकी (Engineering), और गणित (Mathematics) — को सम्मिलित करता है। STEM क्षेत्र में अध्ययन करने से छात्रों में विश्लेषणात्मक सोच, नवाचार और तकनीकी दक्षता का विकास होता है, जो भविष्य की नौकरियों के लिए जरूरी है।

कल्पना का दूसरा नाम क्या है?

संस्कृत और हिंदी में कल्पना को “सृजनात्मकता”, “विचार-प्रवाह” या “चिंतन” जैसे शब्दों से भी अभिव्यक्त किया जा सकता है। साहित्यिक संदर्भों में इसे “मन की उड़ान” या “कल्पनाशक्ति” कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे “Imagination” कहते हैं, जो मानसिक चित्रण की क्षमता दर्शाता है।

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