45 किलोग्राम यूरिया बैग की मूल कीमत 266.50 रुपये
करीमनगर। निजी व्यापारियों द्वारा यूरिया को ऊँचे दामों पर बेचे जाने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । व्यापारियों के पास पर्याप्त स्टॉक (Stock) होने के बावजूद, वे कृत्रिम कमी पैदा करके इसे ऊँचे दामों पर बेच रहे हैं। हालांकि 45 किलोग्राम यूरिया बैग की मूल कीमत 266.50 रुपये है, लेकिन इसे 310 रुपये में बेचा जा रहा है। कुछ व्यापारी कृत्रिम कमी पैदा करके उर्वरक का एक बैग 330 से 350 रुपये में बेच रहे हैं।
एक कदम आगे बढ़ते हुए, कुछ व्यापारी किसानों के लिए Urea की बोरियाँ लेने पर जैविक पोटाश (potash) खरीदना अनिवार्य कर रहे हैं। अगर कोई पोटाश लेने से इनकार करता है, तो उसे चेतावनी दी गई है कि आने वाले दिनों में Urea उपलब्ध नहीं हो सकता। इस चेतावनी के डर से किसान पोटाश खरीदने को मजबूर हैं। 20 किलो के पोटाश के एक बैग की कीमत 1,400 रुपये है।
किसानों को व्यापारियों के रवैये से करना पड़ रहा परेशानी का सामना
बरसात का मौसम शुरू होने के एक माह बाद भी बूंदाबांदी न होने से बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को व्यापारियों के रवैये से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कम वर्षा के बावजूद, जल सुविधा वाले कुछ किसानों ने खेती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका फायदा उठाकर व्यापारी Urea की कृत्रिम कमी पैदा करके पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं। मार्कफेड और निजी डीलरों को क्रमशः 60 और 40 प्रतिशत तक उर्वरक बेचना चाहिए। लेकिन इस अनुपात का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रति एकड़ ज़मीन पर एक Urea बैग दिया जाना चाहिए और चेतावनी दी कि अगर व्यापारी नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनकी डीलरशिप रद्द कर दी जाएगी।
एक किसान को बेच दिया लगभग 50 बैग यूरिया
कृषि अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि करीमनगर ग्रामीण मंडल के एक व्यापारी ने एक ही पासबुक पर एक किसान को लगभग 50 बैग यूरिया बेच दिया। हालांकि कृषि अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उर्वरक की कोई कमी नहीं है और मांग के आधार पर केंद्रों को स्टॉक की आपूर्ति की जा रही है, फिर भी किसान Urea के लिए विरोध प्रदर्शन करते देखे जा रहे हैं। जिले में कुल 24,493 मीट्रिक टन यूरिया आ चुका है, जबकि वनकालम सीजन के लिए 43,254 मीट्रिक टन की आवश्यकता थी।
यूरिया का मुख्य कार्य क्या है?
यूरिया का मुख्य कार्य पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करना है, जो उनकी वृद्धि, हरी पत्तियों और प्रोटीन निर्माण के लिए आवश्यक होता है।
भारत में यूरिया कहाँ बनता है?
भारत में यूरिया का उत्पादन कई स्थानों पर होता है, जैसे: लखनऊ, कानपुर, सिंदरी (झारखंड), तुलसीनगर (उत्तर प्रदेश), नागालैंड, और गुजरात के कई उर्वरक संयंत्रों में।
यूरिया क्या है?
यूरिया एक रासायनिक उर्वरक है जिसमें लगभग 46% नाइट्रोजन होता है। यह सफेद, दानेदार रूप में होता है और खेती में प्रमुख रूप से उपयोग होता है।
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