हैदराबाद । सैन्य इलेक्ट्रॉनिक्स एवं यांत्रिक इंजीनियरिंग कॉलेज (MCEME), सिकंदराबाद में 8 नवंबर 2025 को कैडेट प्रशिक्षण विंग (CTW) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे तकनीकी प्रवेश योजना (टीईएस) पाठ्यक्रम संख्या 46 के अधिकारी कैडेटों के लिए पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। रॉयल भूटान आर्मी के दो कैडेटों सहित कुल 23 कैडेटों ने इस सम्मान समारोह में भाग लिया।
कमांडेंट ने उत्तीर्ण कैडेटों को एक प्रेरक भाषण दिया
लेफ्टिनेंट जनरल नीरज वार्ष्णेय, वीएसएम, कमांडेंट, एमसीईएमई और कर्नल कमांडेंट, कोर ऑफ ईएमई ने शैक्षणिक, खेल और सैन्य प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेधावी कैडेटों को पदक और विशिष्ट उपाधियों से सम्मानित किया। विंग कैडेट एडजुटेंट अखिलेश ध्यानी को जीओसी-इन-सी एआरटीआरएसी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, भूटान के प्लाटून कैडेट कैप्टन तेनज़िन दोरजी को आउटडोर प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया और पृथ्वी राज प्लाटून को शरदकालीन सत्र 2025 के लिए जीओसी-इन-सी एआरटीआरएसी बैनर प्रदान किया गया। कमांडेंट ने उत्तीर्ण कैडेटों को एक प्रेरक भाषण दिया।
भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त होंगे कैडेट
उन्होंने बताया कि चार वर्षों के कठोर प्रशिक्षण ने उन्हें युवा बालकों से ऐसे नेताओं में बदल दिया है जो बिना किसी पर्यवेक्षण के कार्य करने और नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने उनसे निरंतर कड़ी मेहनत के प्रति प्रतिबद्ध रहने और जीवन एवं करियर में आगे बढ़ने के लिए विलंबित कृतज्ञता को अपनाने का आग्रह किया। जनरल ऑफिसर ने युवा पीढ़ी से पुराने विचारों को त्यागने और तकनीक-संचालित युद्ध में बदलाव का नेतृत्व करने का आह्वान किया, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित किया गया था। जनरल ऑफिसर ने उन कैडेटों के गौरवान्वित माता-पिता से बातचीत की, जिन्हें विशिष्ट भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
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