हैदराबाद। तेलंगाना डीजीपी बी. शिवधर रेड्डी ने सड़क सुरक्षा पर एक नए जागरूकता (New Awareness) अभियान “अराइव अलाइव” (Arrive Alive) की घोषणा की। शनिवार को डीजीपी कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और अन्य लोग शामिल हुए।
दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या काफी अधिक : डीजीपी
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या हर साल विभिन्न घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या से दस गुना अधिक है। इस संदर्भ में, उन्होंने सुझाव दिया कि सड़क सुरक्षा को सार्वजनिक प्राथमिकता के रूप में लिया जाना चाहिए। डीजीपी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए दिसंबर माह में 15 दिनों तक “अराइव अलाइव” राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
यह कार्यक्रम 16 नवंबर को विश्व सड़क यातायात पीड़ितों की स्मृति दिवस के अवसर पर तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना, ज़िम्मेदार ड्राइविंग आदतों – विशेष रूप से रक्षात्मक ड्राइविंग – को बढ़ावा देना और दुर्घटनाओं को कम करना है। उन्होंने कहा कि “अराइव अलाइव” कार्यक्रम को एक आंदोलन के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
तेलंगाना में अपनाए जाने वाले तरीके तैयार करने के भी निर्देश
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, कॉर्पोरेट संगठन, शैक्षणिक संस्थान और गैर-सरकारी संगठनों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। डीजीपी ने सुझाव दिया कि गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि अपने विचार एकत्र करें, एक व्यापक कार्य योजना तैयार करें और 9 या 10 नवंबर को होने वाली अगली बैठक में उस पर चर्चा करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में लागू सड़क सुरक्षा संबंधी सर्वोत्तम प्रथाओं की जाँच करने और तेलंगाना में अपनाए जाने वाले तरीके तैयार करने के भी निर्देश दिए। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जनभागीदारी, जागरूकता और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन, रक्षात्मक ड्राइविंग – इन पहलुओं का समन्वय महत्वपूर्ण है।
बैठक में पुलिस अफसरों के साथ गैर सरकारी संगठनों ने भी भाग लिया
बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) महेश एम. भागवत, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मल्टीज़ोन-II)देवेंद्र सिंह चौहान, पुलिस महानिरीक्षक (मल्टीज़ोन-I) एस. चंद्रशेखर रेड्डी, (प्रावधान एवं रसद) डॉ. एम. रमेश, पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे एवं सड़क सुरक्षा) के. रमेश नायडू, संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात, हैदराबाद शहर) डी. जोएल डेविस और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। तन्मयी दीक्षित (संस्थापक, सेफ्टी कनेक्ट), नरेश राघवन (शीर्ष चालक), मैल्कम वुल्फ (सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर), लोकेंद्र सिंह (एचसीएससी स्वयंसेवक), अनिल सूर्या (आईटी परियोजना प्रबंधक), विनय वंगाला (नागरिक कार्यकर्ता), विनोद कनुमुला (सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ) और अन्य ने गैर सरकारी संगठनों की ओर से भाग लिया।
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