News Hindi : पिछड़ा वर्ग आरक्षण बंद के दौरान कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ व यात्री भी परेशान रहे

By Ajay Kumar Shukla | Updated: October 18, 2025 • 1:02 PM

हैदराबाद: तेलंगाना में शनिवार को पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर बंद (Strike ) के दौरान यात्री परेशान रहे। सार्वजनिक परिवहन सेवाएं (Public Transport Services) बंद होने से यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। हैदराबाद के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ और जबरन बंद की भी खबरें आईं। एक पेट्रोल पंप पर भी तोड़फोड़ की गई। बंद के समर्थन में कांग्रेस, बीआरए, भाजपा समेत कई दलों के नेता सड़कों पर उतरें। स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण पर उच्च न्यायालय की रोक के विरोध में राज्य में बंद का आह्वान किया गया।

यात्री सुबह से ही बस स्टॉपों पर फंसे रहे, दुगुना किराया वसूला कुछ आटो चालकों ने

पिछड़ा वर्ग आरक्षण बंद के कारण यात्री सुबह से ही बस स्टॉपों पर फंसे रहे। इसका फायदा उठाते हुए जबकि निजी टैक्सियों और आटो चालकों ने कथित तौर पर दोगुना किराया वसूला। हैदराबाद के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ और जबरन बंद की भी खबरें आईं। तेलंगाना पिछड़ा वर्ग संयुक्त कार्रवाई समिति (बीसी जेएसी) द्वारा आहूत राज्यव्यापी बंद को सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा और बीआरएस सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त हुआ। विभिन्न दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के डिपो पर धरना दिया और बसों का परिचालन रोक दिया।

अधिकांश दलों के नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए

भाजपा सांसद ईटेला राजेंद्र हैदराबाद के जुबली बस स्टेशन पर हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर सांसद ईटेला राजेंद्र ने कहा कि संवैधानिक तौर पर, बीसी को रिज़र्वेशन चाहिए। एमएलए पायल शंकर ने हैदराबाद में बंद में हिस्सा लिया। बीसी वेलफेयर नेता आर. कृष्णैया हैदराबाद में अंबरपेट चुनाव क्षेत्र के बरकतपुरा डिवीज़न में आयोजित बंद में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ विरोध किया। वे बरकतपुरा आरटीसी डिपो के सामने बैठ गए और बसों को बाहर निकलने से रोक दिया।

टीपीसीसी अध्यक्ष इमलीबन बस स्टैंड विरोध कार्यक्रम में भाग लिया

टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने एमजीबीएस पर बीसी समुदाय के नेताओं के साथ बीसी बंद विरोध कार्यक्रम में भाग लिया। प्रजा भवन में मंत्री सीतक्का, पोन्नम प्रभाकर, वाकीति श्रीहरि, सांसद अनिल कुमार यादव, एसएटीएस अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी राज्य भर में चल रहे तेलंगाना बंद की निगरानी करते रहे। इस मौके पर महेश कुमार गौड़ ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने पिछड़ी जातियों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राज्यव्यापी जाति सर्वेक्षण कराया और विधानसभा में एक कानून पारित किया, जो राज्यपाल द्वारा अनुमोदित होने के बाद से राष्ट्रपति के पास लंबित है। 30 मार्च से राज्यपाल के पास गए विधेयकों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

तेलंगाना में शनिवार को बंद क्यों बुलाया गया?

तेलंगाना में शनिवार को बंद इसलिए बुलाया गया क्योंकि उच्च न्यायालय ने स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों (BC) के लिए 42% आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के विरोध में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने बंद का आह्वान किया।

बंद का मुख्य उद्देश्य क्या था?

बंद का उद्देश्य पिछड़े वर्गों को उनका आरक्षण सुनिश्चित कराना और न्यायालय के फैसले के खिलाफ जन समर्थन जुटाना।

इस बंद में कौन-कौन से राजनीतिक दल शामिल हुए?

कांग्रेस, भाजपा, बीआरएस (पूर्व में टीआरएस), बीसी संघ समेत कई सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया और सड़कों पर प्रदर्शन किया।

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