News Hindi : जीएसटी धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, 11.79 करोड़ का क्रेडिट घोटाला

By Ajay Kumar Shukla | Updated: November 13, 2025 • 10:30 PM

हैदराबाद । साइबराबाद पुलिस (Cyberabad Police) ने एक बड़े अंतर-राज्यीय जीएसटी धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जिसने दस फर्जी जीएसटी-पंजीकृत फर्में बनाईं। ये फर्में वास्तव में कभी अस्तित्व में नहीं थीं, बल्कि फर्जी चालान (Fake invoices) और फर्जी टर्नओवर दिखाने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनाई गई थीं।

आरोपियों ने धोखाधड़ी से 11,79,76,284 मूल्य के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया

इन फर्जी संस्थाओं का इस्तेमाल करके, आरोपियों ने जीएसटी धोखाधड़ी से 11,79,76,284 मूल्य के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया और उसे आगे बढ़ाया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। आरोपियों ने कई राज्यों में एक सुनियोजित नेटवर्क संचालित किया। उन्होंने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल, रेंटल एग्रीमेंट और अन्य जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और इस बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करके सरकारी पोर्टलों में हेराफेरी की। ईओडब्ल्यू पीएस, साइबराबाद ने इस मामले में सोहिल मुरादाली लखानी उर्फ ​​सोनू (34 वर्ष), निवासी एबिड्स, मोहम्मद अकरम हसनुद्दीन (43 वर्ष), निवासी रामनगर, आदिकमेट को गिरफ्तार किया है। जबकि मुख्य आरोपी मास्टरमाइंड अब्दुल्ला, निवासी दिल्ली , सैयद मुज्तबा हुसैनी उर्फ़ आज़म, तकनीकी विशेषज्ञ, आयती राजा शेखर, तकनीकी ऑपरेटर फरार है।

पांचों आरोपियों ने दस फर्जी जीएसटी-पंजीकृत फर्में बनाईं

पांचों आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल, किराये के समझौते, जीएचएमसी लाइसेंस और श्रम विभाग के प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करके फर्जी पहचान पत्र बनाकर दस फर्जी जीएसटी-पंजीकृत फर्में बनाईं। इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके, उन्होंने फर्जी नामों से सिम कार्ड हासिल किए और जीएसटी पोर्टल पर ओटीपी-आधारित सत्यापन पूरा किया, जिससे उन फर्मों के जीएसटी नंबर सफलतापूर्वक दर्ज हो गए जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थीं। ये फर्जी जीएसटी नंबर हासिल करने के बाद, उन्होंने फर्जी खरीद और बिक्री चालान बनाए, फर्जी टर्नओवर बनाए और बिना किसी माल की भौतिक आवाजाही के आईटीसी का दावा किया। धोखाधड़ी को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने असली वाहन नंबरों का इस्तेमाल करके और छेड़छाड़ की गई चेसिस डिटेल्स के साथ नकली ई-वे बिल बनाए।

सरकार को 11.79 करोड़ का नुकसान : डीसीपी

पुलिस उपायुक्त, आर्थिक अपराध शाखा, साइबराबाद ए. मुथ्यम रेड्डी ने बताया कि इसमें कुल 52 कंपनियाँ शामिल है। इसके साथ ही तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गुजरात राज्य के लोग शामिल रहे है। इस दौरान फर्जी टर्नओवर, 53.73 करोड़, धोखाधड़ी से आईटीसी का दावा, 11.79 करोड़, 405 फर्जी ई-वे बिल बनाए गए है। कुल फर्जी जीएसटी पंजीकरण 10 और सरकार को कुल गलत 11.79 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस मामले की जाँच एस. रविंदर, एसीपी, आर्थिक अपराध शाखा, पुलिस स्टेशन, साइबराबाद, ए. मुथ्यम रेड्डी, डीसीपी अपराध और आर्थिक अपराध शाखा की निगरानी में कर रहे हैं।

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