हैदराबाद । तेलंगाना सरकार (Telangana Government) ने जीओ 46 जारी करते हुए एससी, एसटी और बीसी को मिलाकर कुल 50 प्रतिशत से कम आरक्षण के आधार पर स्थानीय संस्थाओं के चुनाव कराने के निर्देश जारी किए। इस निर्णय को बीसी वर्गों (BC communities) के साथ किया गया सीधा धोखा बताते हुए राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय बीसी कल्याण संघ के अध्यक्ष आर कृष्णैया तथा राज्य बीसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ वकुलाभरणम कृष्णमोहन राव ने कड़ा विरोध व्यक्त किया।
जीओ जारी करना बीसी वर्गों के साथ अन्याय : आर कृष्णैया
बशीरबाग प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बीसी जेएसी संयोजक कॉन्डे देवैया सहित कई बीसी नेता उपस्थित रहे। आर कृष्णैया ने कहा कि हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी होने से पहले और तर्क प्रस्तुत करने का अवसर दिए बिना सरकार द्वारा जीओ जारी करना बीसी वर्गों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का भरोसा सरकार ने वर्षों तक दिलाया और अंत में बीसी समुदाय को निस्सहाय स्थिति में छोड़ दिया।
वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का व्यापक अध्ययन करने की आवश्यकता
उन्होंने बताया कि डेडिकेटेड आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तैयार बिल 3 और बिल 4 को राज्य विधानसभा और परिषद में सर्वसम्मति से पारित करके राष्ट्रपति को भेजा गया था, फिर भी सरकार ने इन विधेयकों की प्रगति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि सरकार अब यह कहते हुए जीओ 46 जारी कर रही है कि आयोग की रिपोर्ट 20 नवंबर 2025 को प्राप्त हुई, जबकि पूर्व में इसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण प्रतिशत निर्धारित कर विधेयक पारित किया गया था। यह तथ्य सरकार द्वारा अनदेखा करना गंभीर और विरोधाभासी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का व्यापक अध्ययन करने की आवश्यकता थी, परंतु सरकार ने कमरे में बैठकर रिपोर्ट तैयार कर बीसी समाज के राजनीतिक अधिकारों को बाधित किया।
जीओ 46 वापस नहीं लिया गया तो सरकार के विरुद्ध आंदोलन : डॉ वकुलाभरणम
राज्य बीसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ वकुलाभरणम कृष्णमोहन राव ने कहा कि जीओ 46 में सरकार ने यह उल्लेख किया है कि निर्णय 20 नवंबर 2025 को आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, परंतु क्या उस रिपोर्ट को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली। जब पूर्व में इसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर विधेयक तैयार कर विधायिकाओं ने पारित किया था, तो इस समय फिर नई रिपोर्ट की आवश्यकता क्यों पड़ी। प्रारंभ से ही सरकार द्वारा तथ्य छिपाने का प्रयास किया गया, यह संदेह अब वास्तविकता में बदल गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल परिस्थितियों का विश्लेषण नहीं है, बल्कि अगले दो दिनों में आंदोलनात्मक कार्य योजना की घोषणा की जाएगी। यदि जीओ 46 वापस नहीं लिया गया तो सरकार के विरुद्ध संघर्ष तेज किया जाएगा।
आर. कृष्णैया कौन हैं?
वे एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय ओबीसी कल्याण संघ के अध्यक्ष हैं। वे ओबीसी समुदायों के अधिकारों, सामाजिक न्याय, शिक्षा और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए सक्रिय रूप से संघर्ष करते रहे हैं। वे युवाओं और गरीब तबकों के लिए छात्रावास, छात्र छात्रवृत्ति और आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी मुखर रहे हैं।
ओबीसी कल्याण के क्षेत्र में आर. कृष्णैया का मुख्य योगदान क्या है?
आर. कृष्णैया ने ओबीसी समुदायों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, शैक्षणिक अवसरों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने की दिशा में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है। उन्होंने बार-बार सरकारों से ओबीसी जनगणना, छात्र छात्रवृत्ति बढ़ाने, और पिछड़े वर्ग आयोग को अधिक अधिकार देने की मांग की है। वे ओबीसी के आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लंबे समय से जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
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