हैदराबाद : आईटी और उद्योग मंत्री (Minister) दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने घोषणा की कि राज्य सरकार (State government) का लक्ष्य तेलंगाना को विश्व की कौशल राजधानी बनाना है। मल्लेपल्ली आईटीआई परिसर में उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र (एटीसी) के उद्घाटन समारोह के दौरान, मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार कौशल विकास के क्षेत्र में उद्योग और शिक्षा जगत के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रतिबद्ध है।
तेलंगाना के युवाओं में अद्भुत प्रतिभा : श्रीधर बाबू
श्रीधर बाबू ने कहा, “तेलंगाना के युवाओं में अद्भुत प्रतिभा है, जो हमारा सबसे बड़ा संसाधन है। हमारी सरकार उन्हें आवश्यक कौशल से लैस करने, वर्तमान कौशल के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने और उद्योग की माँगों के अनुरूप उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए समर्पित है। इसके अतिरिक्त, हम इन प्राथमिकताओं को शामिल करने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों में संशोधन कर रहे हैं।” उन्होंने तेलंगाना की कुशल युवा आबादी को सार्थक रोज़गार के अवसर सुनिश्चित करने की सरकार की ज़िम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला और कहा कि “उभरते तेलंगाना 2047” के विज़न को प्राप्त करने में युवाओं की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
हर वादे को पूरी ईमानदारी से पूरा किया जाएगा : मंत्री
उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले युवाओं से किए गए हर वादे को पूरी ईमानदारी से पूरा किया जाएगा। पिछली सरकार ने युवाओं की आकांक्षाओं की उपेक्षा की, लेकिन यह सरकार व्यवस्थित रूप से उन गलतियों को एक-एक करके सुधार रही है।” मंत्री ने आगे याद दिलाया कि राज्य सरकार पहले ही तेलंगाना लोक सेवा आयोग का पुनर्गठन कर चुकी है और 60,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों को सरकारी सेवाओं में सफलतापूर्वक भर्ती कर चुकी है।
दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने हाल ही में कौन सी नई पहल की घोषणा की है?
उन्होंने मल्लेपल्ली आईटीआई परिसर में उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र (Advanced Technology Center – ATC) का उद्घाटन किया और कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य तेलंगाना को विश्व की कौशल राजधानी बनाना है।
राज्य सरकार कौशल विकास के क्षेत्र में क्या रणनीति अपना रही है?
श्रीधर बाबू ने बताया कि सरकार उद्योग और शिक्षा जगत के बीच की खाई को पाटने पर काम कर रही है, जिससे युवाओं को व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाया जा सके।
श्रीधर बाबू का कौशल विकास को लेकर क्या दृष्टिकोण है?
उनका मानना है कि तकनीकी शिक्षा को उन्नत बनाकर, युवाओं को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकता है, और इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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