News Hindi : गाय में विराजमान पवित्रता ही हमारे जीवन की पूंजी : शंकराचार्य

By Ajay Kumar Shukla | Updated: September 24, 2025 • 10:26 PM

बिहार : गौमाता के प्राणों की रक्षा एवं गौमाता को राष्ट्रमाता (Mother of the Nation) घोषित कराने हेतु अडिग ज्योतिष्पीठाधीश्वर (Jyotirpeethadhiswar ) जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज ने कहा कि गाय में विराजमान पवित्रता ही हमारे जीवन की पूंजी है।

यदि गाय नही रही तो हम पवित्र व पापमुक्त कैसे होंगे?

गौमतदाता संकल्प यात्रा के अंतर्गत गया में आयोजित गौमतदाता संकल्प सभा मे स्वतःस्फूर्त उपस्थित हजारों गौभक्त सनातनधर्मियों के समक्ष अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे प्रकाश के हटने से सर्वत्र अंधकार छा जाता है ठीक उसी प्रकार पवित्रता के हट जाने से हम अपवित्र होजाते हैं। गाय पवित्रता की प्रतिमूर्ति हैं,हम स्नान के समय अथवा भगवन्नाम संकीर्तन के समय पवित्र रहते बांकी समय शुद्ध नही रहते,शास्त्रीय मान्यता के अनुसार हमारा दाहिना कान सदा पवित्रता रहता है,हमारी पवित्रता अस्थिर है आती-जाती रहती है।लेकिन गौमाता सर्वथा पवित्रतम है यहां तक कि उनका मल-मूत्र भी अत्यंत पवित्र होता है। इसलिए बडे बडे सन्त महापुरुष गौ की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं यदि गाय नही रही तो हम पवित्र व पापमुक्त कैसे होंगे?

हमारे ज्ञानी पूर्वज इस बात को समझकर ही गौपालन करते थे : शंकराचार्य

परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि प्रत्यक्ष भगवान सूर्य की हजारों किरणों में मुख्य किरण प्रकाश प्रदान करने वाला है। ये प्रकाश ही ज्ञान है,बिना ज्ञान के व्यवहार करना संभव नही है।हजारों किरणों में प्रकाश,पोषण और आयुष्य ये तीन प्रमुख किरण हैं । प्रकाश को आंखे पकडती हैं,धरती पोषण की किरण को और गाय माता आयुष्य की किरण को अपने कंधे के ककुद से धारण करती हैं।उनसे हमें दूध- दही और घृत मिलता है ।प्रतिदिन शुद्ध घृत के सेवन से आयुष्य की प्राप्ति होती थी।पहले पत्तल में गौघृत के बाद ही कुछ और परोसने का नियम था । पाप यदि हड्डी में भी चला जाए तो पंचगव्य के प्राशन से हम उस पाप से भी मुक्त हो जाते हैं। अपवित्र को पवित्र करने वाली हैं गौमाता जहां उपस्थित हो वहां रोग और पाप नहीं सकता है। हमारे ज्ञानी पूर्वज इस बात को समझकर ही गौपालन करते थे।

घर में कौन सी गाय रखनी चाहिए?

देशी गाय (Indian breed):
घर में भारतीय नस्ल की गाय, जैसे:

इन गायों का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है क्योंकि इसमें A2 प्रोटीन पाया जाता है।

गाय के शुभ लक्षण क्या हैं?

वेदों और पुराणों में गाय के कुछ विशेष शारीरिक लक्षणों को शुभ माना गया है:

  1. गाय का रंग:
    • सफेद, हलका पीला या लाल रंग शुभ माना गया है।
    • काले धब्बों वाली सफेद गाय भी शुभ होती है।
  2. गाय के सींग:
    • छोटे और घुमावदार सींग शुभ माने जाते हैं।
    • दोनों सींग बराबर हों और आगे की ओर झुके हों।
  3. गाय की पूंछ:
    • लंबी और घने बालों वाली पूंछ शुभ होती है।
  4. गाय के खुर (पैर):
    • मजबूत और साफ-सुथरे खुर वाली गाय को शुभ माना जाता है।
  5. गाय का व्यवहार:
    • जो व्यक्ति को देखकर शांत रहे, हड़बड़ाए नहीं, ऐसी गाय को सौभाग्यशाली माना गया है।
    • अगर गाय अपने माथे से आपको छुए तो यह बहुत शुभ संकेत माना जाता है।

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