हैदराबाद : सोसाइटी फॉर साइबराबाद सिक्योरिटी काउंसिल (SCSC) ने साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस (CTP) के सहयोग से, पिछले एक साल से साइबराबाद आईटी कॉरिडोर में यातायात प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ट्रैफिक मार्शलों के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। जुलाई 2024 में 50 मार्शलों के साथ शुरू किया गया ट्रैफिक मार्शल कार्यक्रम अब बढ़कर 135 हो गया है, जो सुचारू यातायात और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उद्योग-पुलिस की मज़बूत साझेदारी को दर्शाता है।
यातायात में सुधार के लिए मार्शलों के समर्पण की सराहना
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. गजराव भूपाल संयुक्त पुलिस आयुक्त – यातायात और उपाध्यक्ष, एससीएससी ने मार्शलों के समर्पण की सराहना की और कहा कि यह पहल प्रभावी सार्वजनिक-निजी सहयोग का उदाहरण है। राजेश बलाराजू, एससीएससी ट्रैफिक फोरम के संयुक्त सचिव ने एससीएससी के माध्यम से इस अनूठे सार्वजनिक-निजी भागीदारी कार्यक्रम में सहयोग करने वालों की सराहना की।
मार्शलों की उपस्थिति ने भीड़भाड़ को काफी कम किया
एससीएससी के सीईओ नावेद आलम खान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्शलों की उपस्थिति ने प्रमुख चौराहों पर भीड़भाड़ को काफी कम किया है और समग्र यातायात अनुशासन में सुधार किया है। कार्यक्रम के एक भाग के रूप में सभी ट्रैफिक मार्शलों को हेलमेट और यूटिलिटी किट वितरित किए गए।
ट्रैफिक मार्शल क्या होता है?
ऐसे प्रशिक्षित स्वयंसेवक या कर्मचारी होते हैं जो ट्रैफिक पुलिस की सहायता करते हैं। उनका कार्य यातायात को सुचारू रूप से चलाना, ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कराना और सड़क पर सुरक्षा बनाए रखना होता है, खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे IT कॉरिडोर में।
ट्रैफिक मार्शल कौन होते हैं?
आमतौर पर उन लोगों में से होते हैं जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया होता है — ये सुरक्षा गार्ड, स्वयंसेवक या कंपनियों के नॉमिनेट किए गए कर्मचारी हो सकते हैं। साइबराबाद के केस में, ये मार्शल IT कंपनियों और पुलिस की साझेदारी के तहत चुने गए हैं।
ट्रैफिक की स्थापना कब हुई थी?
ट्रैफिक मार्शल कार्यक्रम की शुरुआत साइबराबाद में जुलाई 2024 में 50 मार्शलों के साथ की गई थी, और अब इनकी संख्या बढ़कर 135 हो गई है।
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