पिछड़ी जाति जनगणना को ‘पूरी तरह से असफल’ करार दिया
हैदराबाद। बीआरएस (BRS) विधानसभा के सचेतक केपी विवेकानंद (KP Vivekanand) ने मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी पर दिल्ली में नाटक करने और तेलंगाना में पिछड़े वर्गों (बीसी) से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। तेलंगाना भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए विवेकानंद ने कांग्रेस नीत सरकार की पिछड़ी जाति जनगणना को ‘पूरी तरह से असफल’ करार दिया और आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी सोनिया गांधी के एक नियमित पत्र को इस तरह पेश कर जनता को गुमराह कर रहे हैं जैसे कि यह उनके नेतृत्व का जश्न मनाने वाला ‘ऑस्कर पुरस्कार’ हो।
रेवंत खोखली नौटंकी करके दिल्ली में ध्यान आकर्षित कर रहे
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने न केवल तेलंगाना में पिछड़ी जातियों के साथ विश्वासघात किया है, बल्कि जाति जनगणना के बारे में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे – को भी गुमराह किया है। उन्होंने कहा, ‘पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण लागू करने के बजाय, रेवंत खोखली नौटंकी करके दिल्ली में ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।’ विवेकानंद ने कथित तौर पर पिछड़ी जातियों की आवाज को कमतर आंकने के लिए रेवंत की आलोचना की और बीआरएस एमएलसी दासोजू श्रवण का अपमान करने के लिए माफी की मांग की, जिन्होंने पिछड़ी जातियों के आरक्षण के कार्यान्वयन पर सरकार से सवाल किया था।
झूठे वादों के सहारे सत्ता में आए हैं मुख्यमंत्री
उनके साथ शामिल होते हुए, बीआरएस नेता कायमा मल्लेश ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठे वादों के सहारे सत्ता में आए हैं और चुनावी हथकंडों से पिछड़े वर्गों को धोखा दे रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर व्यक्तिगत हमले करने और शासन चलाने में विफल रहने के लिए कांग्रेस नेताओं की आलोचना की। उन्होंने चल रहे फोन टैपिंग विवाद में मुख्यमंत्री के बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। मल्लेश ने चेतावनी दी कि बीआरएस निष्पक्ष आरक्षण सुनिश्चित करने और कांग्रेस सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए अपनी लड़ाई तेज करेगी।
कांग्रेस की स्थापना कब और किसने की थी?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में हुई थी। इसकी शुरुआत एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी ए. ओ. ह्यूम ने की थी। इसका उद्देश्य भारतीयों को एक मंच पर लाकर ब्रिटिश सरकार से राजनीतिक अधिकारों और प्रशासन में भागीदारी की मांग करना था।
कांग्रेस से आप क्या समझते हैं?
स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली कांग्रेस एक प्रमुख भारतीय राजनीतिक पार्टी है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की पक्षधर रही है। आज़ादी के बाद लंबे समय तक केंद्र और राज्यों में शासन करते हुए इसने देश की नीतिगत दिशा को प्रभावित किया है।
भारत में कितने राज्यों में कांग्रेस की सरकार है?
फिलहाल कांग्रेस की पूर्ण सरकार तीन राज्यों-कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना-में कार्यरत है। इसके अलावा बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है। राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है।
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