Hyderabad: वैज्ञानिकों ने जीवाणु कोशिका भित्ति के लगाया रहस्य का पता

By Kshama Singh | Updated: July 24, 2025 • 7:20 PM

एंटीबायोटिक दवाओं से लड़ने में मिलेगी मदद

हैदराबाद। हैदराबाद स्थित कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (CCMB) में डॉ. मंजुला रेड्डी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नवीन प्रूफरीडिंग चरण की खोज की है जो जीवाणु कोशिका भित्ति की मजबूती और अखंडता सुनिश्चित करता है। सीसीएमबी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएनएएस जर्नल में जुलाई 2025 में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि कोशिका भित्ति का निर्माण करते समय बैक्टीरिया गलती से एल-एलानिन के स्थान पर एल-सेरीन या ग्लाइसिन जैसे संरचनात्मक रूप से समान अमीनो एसिड जोड़ सकते हैं, जिससे कोशिका भित्ति कमजोर हो जाती है और बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं

गलत अमीनो एसिड का पता लगाता है और उन्हें हटाता है

बैक्टीरिया सुरक्षात्मक कोशिका भित्तियों से घिरे होते हैं जो पेप्टिडोग्लाइकन (Peptidoglycan) नामक एक अनोखे बहुलक से बनी होती हैं, जो मनुष्यों सहित अन्य सभी जीवों में अनुपस्थित होता है। यही कारण है कि पेप्टिडोग्लाइकन कई चिकित्सकीय रूप से प्रयुक्त एंटीबायोटिक दवाओं का एक प्रमुख लक्ष्य है। डॉ. रेड्डी की टीम ने पाया कि बैक्टीरिया में एक एंजाइम, PgeF (पेप्टिडोग्लाइकन एडिटिंग फैक्टर) होता है। अध्ययन की प्रथम लेखिका डॉ. शम्भवी गार्डे कहती हैं, ‘आनुवांशिकी और उच्च-रिज़ॉल्यूशन मास-स्पेक्ट्रोमेट्री के संयोजन का उपयोग करके, हम देख सकते हैं कि PgeF विशेष रूप से कोशिका भित्ति की संरचना को बनाए रखने के लिए गलत अमीनो एसिड का पता लगाता है और उन्हें हटाता है।’

नए शोध प्रश्नों को भी जन्म देता है यह अध्ययन

यह अध्ययन नए शोध प्रश्नों को भी जन्म देता है। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘इस खोज को और भी दिलचस्प बनाने वाली बात यह है कि इस एंजाइम का एक समरूप कशेरुकियों में भी मौजूद होता है, और मानव एंजाइम में दोष, जिसे LACC1 के नाम से जाना जाता है, कई स्व-सूजन संबंधी विकारों से निकटता से जुड़ा हुआ है।’ LACC1 का कार्य अभी तक स्पष्ट रूप से समझा नहीं जा सका है, तथा इस अध्ययन से बैक्टीरिया के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में LACC1 की भागीदारी की संभावना का पता चलता है, जिससे भविष्य में संभावित चिकित्सीय रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

जीवाणु में कोशिका भित्ति की भूमिका क्या होती है?

कोशिका भित्ति जीवाणु को आकार देती है, उसकी रक्षा करती है और आंतरिक द्रव को बाहर निकलने से रोकती है।

जीवित कोशिका की खोज किसने की थी?

जीवित कोशिका की खोज एंटोन वॉन ल्यूवेनहॉक ने 1674 में की थी।

जीवाणु की कोशिका भित्ति में क्या अनुपस्थित होती है?

जीवाणु की कोशिका भित्ति में सेल्यूलोज अनुपस्थित होता है, जबकि यह पौधों की कोशिका भित्ति में पाया जाता है।

Read Also : Delhi: नैटको फार्मा ने की है 36 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश

#Google News in Hindi Bacterial cell wall breakingnews CCMB Center for Molecular Biology Doc Manjula Reddy Hyderabad Hyderabad news latestnews