न्यायाधिकरण को पूरी तरह से क्रियाशील बनाने की दिशा में एक व्यापक कदम
हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता भास्कर रेड्डी वेमिरेड्डी को माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है। भारत सरकार द्वारा यह नियुक्ति जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण को पूरी तरह से क्रियाशील बनाने की दिशा में एक व्यापक कदम का हिस्सा है। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुल 53 न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है, जो जीएसटी (GST) व्यवस्था के तहत विवाद समाधान ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
1987 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए रेड्डी
वेमिरेड्डी भास्कर रेड्डी, जो 1987 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए, तेलंगाना उच्च न्यायालय में एक नामित वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे कर कानूनों के विशेषज्ञ हैं और 1987 से हैदराबाद उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं। उन्हें 1993 में उच्च न्यायालय के समक्ष करों के लिए विशेष सहायक सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने जून 1994 तक उस पद पर काम किया। उन्हें 2022 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
जीएसटी क्या है, समझाइए?
एक ऐसी कर प्रणाली जिसमें वस्तुएं और सेवाएं एक समान दर से टैक्स के दायरे में आती हैं, उसे जीएसटी कहते हैं। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करना है जिससे व्यापार में पारदर्शिता आए और टैक्स चोरी की संभावना घटे।
जीएसटी का मतलब क्या है?
पूरे भारत में वस्त्र, सेवाएं और वस्तुओं पर एकसमान कर लागू करने वाला प्रणालीगत मॉडल “गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स” यानी GST कहलाता है। इसका पूरा नाम है Goods and Services Tax, जिसे एक राष्ट्र–एक कर के सिद्धांत पर लागू किया गया है।
जीएसटी क्या है?
भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ यह कर प्रणाली एक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जो राज्य और केंद्र दोनों के पूर्ववर्ती करों को मिलाकर बनी है। इसके अंतर्गत CGST, SGST, और IGST नामक तीन मुख्य भाग होते हैं जो माल और सेवाओं की बिक्री पर लागू होते हैं।
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