शी टीम्स की कार्रवाई में 92 नाबालिग भी शामिल
हैदराबाद। हैदराबाद शी टीम्स ने शहर भर के विभिन्न मंदिरों में हाल ही में आयोजित बोनालु समारोह के दौरान महिलाओं को परेशान करने के आरोप में 92 नाबालिगों सहित 644 लोगों को पकड़ा है। इनमें से पांच लोगों को अदालत ने एक सप्ताह की कैद की सजा सुनाई। शी टीम्स के अधिकारियों ने कहा कि गोलकुंडा बोनालू, बालकम्पेट येल्लम्मा बोनालू (Balkampet Yellamma Bonalu), उज्जैनी महानकाली बोनालू और लाल दरवाजा महानकाली बोनालू (Lal Darwaza Mahankali Bonalu) सहित प्रमुख बोनालू स्थानों पर टीमों की रणनीतिक तैनाती की गई थी। इन व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न में लिप्त रंगे हाथों पकड़ा गया, जिनमें छेड़छाड़, अनुचित व्यवहार, महिलाओं की सहमति के बिना उनका वीडियो बनाना तथा सार्वजनिक शालीनता और महिला सुरक्षा का उल्लंघन करने वाले अन्य कृत्य शामिल थे।
बोनालू उत्सव क्या है?
तेलंगाना में मां महाकाली को समर्पित पारंपरिक धार्मिक उत्सव बोनालू के रूप में जाना जाता है। इसमें महिलाएं सजावटयुक्त बर्तन में चावल, दूध और गुड़ भरकर देवी को अर्पित करती हैं। यह उत्सव आस्था, रंग-बिरंगी शोभायात्राओं और लोकनृत्यों के साथ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
बोनालू नृत्य किस राज्य में मनाया जाता है?
दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में बोनालू नृत्य और उत्सव विशेष रूप से मनाए जाते हैं। यह त्योहार हैदराबाद, सिकंदराबाद और वारंगल जैसे क्षेत्रों में प्रमुखता से होता है। लोकनृत्य, ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वेशभूषा के साथ यह सांस्कृतिक पर्व राज्य की पहचान बन चुका है।
तेलंगाना का कौन सा त्यौहार बोनालु है?
प्रसिद्ध क्षेत्रीय त्योहारों में बोनालु को तेलंगाना की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है। यह मुख्य रूप से आषाढ़ मास में मां महाकाली की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु देवी को भोग चढ़ाते हैं और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सामूहिक उत्सव मनाते हैं।
बोनालू का इतिहास क्या है?
18वीं सदी में प्लेग महामारी से निजात की कामना करते हुए हैदराबाद के लोगों ने मां महाकाली से प्रार्थना की थी। महामारी के शांत होने पर कृतज्ञता स्वरूप बोनालू उत्सव की परंपरा शुरू हुई। यह त्योहार अब धार्मिक आस्था, लोक परंपरा और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक बन गया है।
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