हैदराबाद : टीजीएसआरटीसी (TGSRTC) के एमडी वीसी सज्जनार ने बुधवार को कहा कि केंद्र द्वारा ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स (Online betting) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के साथ (SayNoToBettingApps) आंदोलन सफल रहा है। उन्होंने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक के पेश होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद कर रही है ऑनलाइन सट्टेबाजी
उन्होंने कहा, “अनगिनत युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद कर रहे ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र सरकार का फैसला बेहद स्वागत योग्य है। यह ऐतिहासिक है। यह कदम न केवल कई लोगों की जान बचाएगा, बल्कि हमारे समाज के सामाजिक ताने-बाने को जुए की लत के खतरनाक परिणामों से भी बचाएगा।
सट्टेबाजी ऐप्स के प्रभाव के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहा हूँ : वीसी सज्जनार
पिछले कुछ महीनों से, मैं युवाओं पर सट्टेबाजी ऐप्स के प्रभाव के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहा हूँ। यह गर्व की बात है कि (#SayNoToBettingApps) आंदोलन पूरे देश और विदेश के लाखों जागरूक नागरिकों द्वारा शुरू किया गया है। यह सामूहिक संघर्ष आखिरकार रंग लाया है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से भारत के युवाओं को बहुत फायदा होगा और इससे वे मानसिक और आर्थिक गुलामी के जाल में फँसने के बजाय शिक्षा, करियर और रचनात्मकता के माध्यम से एक सुनहरे भविष्य के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर पाएँगे। “यह समाज को एक स्वस्थ और प्रगतिशील दिशा में ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रतिभा और समय का उपयोग लक्ष्यों को प्राप्त करने में करें युवा
उन्होंने कहा कि युवा मित्रों, मैं एक बार फिर युवाओं से आग्रह करता हूँ कि वे सट्टेबाज़ी वाले ऐप्स से दूर रहें! अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और समय का उपयोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में करें। ऐसा करके, आप न केवल अपना भविष्य संवारेंगे, बल्कि एक मज़बूत, जीवंत समाज में भी योगदान देंगे।”
जुआ और सट्टे में क्या अंतर है?
जुआ (Gambling) और सट्टा (Betting) दोनों ही ऐसे खेल या गतिविधियाँ हैं जहाँ व्यक्ति पैसा लगाता है किसी अनिश्चित परिणाम पर, लेकिन इनके बीच सूक्ष्म अंतर होता है।
क्या हम सट्टे से अमीर बन सकते हैं?
नहीं, स्थायी रूप से नहीं।
सट्टे में कौन सी धारा लगती है?
The Public Gambling Act, 1867 (सार्वजनिक जुआ अधिनियम)
- यह ब्रिटिश काल का कानून है, जो आज भी कई राज्यों में लागू है।
- इसके तहत जुआघर चलाना, सट्टा लगाना, या जुए में भाग लेना दंडनीय अपराध है।
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