हैदराबाद। क्षमता-वृद्धि पहल ‘फोर्टिफाई व्याख्यान श्रृंखला– 2025 (Fortify Lecture Series – 2025) ‘ के तहत, दक्षिण मध्य रेलवे की विजिलेंस शाखा ने को रेल निलयम ऑडिटोरियम (Nilayam Auditorium), दक्षिण मध्य रेलवे, सिकंदराबाद में ‘टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट्स में सतर्कता के दृष्टिकोण’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया। यह वर्ष 2025 में आयोजित इस श्रृंखला का पाँचवाँ व्याख्यान है। श्रीनिवास मल्लाडी, उप महाप्रबंधक (समन्वय) एवं सचिव, महाप्रबंधक/एससीआर तथा पूर्व निदेशक विजिलेंस /रेलवे बोर्ड ने व्याख्यान दिया। इस अवसर पर महाप्रबंधक/एससीआर संजय कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त महाप्रबंधक/ एससीआर सत्य प्रकाश, वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी/ एससीआर आशीष मेहरोत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में जुड़े अधिकारी, कर्मचारी
दक्षिण मध्य रेलवे ज़ोन के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी वीडियो लिंक के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े। अपने स्वागत भाषण में आशीष मेहरोत्रा, एसडीजीएम व सीवीओ/ एससीआर ने टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट्स से संबंधित सभी प्रचलित निर्देशों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सतर्कता सभी हितधारकों की सामूहिक ज़िम्मेदारी है और प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे साझा किए गए ज्ञान का लाभ उठाकर इसे अपने दैनिक काम में लागू करें। व्याख्यान के दौरान श्रीनिवास मल्लाडी ने रेलवे अधिकारियों, टेंडर समितियों, संयोजकों और टेंडर स्वीकृति प्राधिकारियों द्वारा टेंडर एवं कॉन्ट्रैक्ट के निपटारे से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।
अधिकारियों की नीयत और प्रतिष्ठा, उनके निर्णयों के मूल्यांकन में निभाती है महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने संविधान, भारतीय अनुबंध अधिनियम, वस्तुओं की बिक्री अधिनियम, जीएफआर, भारतीय रेलवे सतर्कता मैनुअल, सीवीसी मैनुअल तथा रेलवे बोर्ड द्वारा जारी परिपत्र/निर्देशों से संबंधित प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रस्तावों के गठन, टेंडरिंग के तौर-तरीकों, समिति गठन, टेंडर प्रक्रिया के दौरान संवेदनशील मुद्दों, दरों की उचितता, प्रस्तावों की वापसी, असामान्य रूप से कम दर वाले बोलियों, सिद्धांत, कॉन्ट्रैक्ट प्रबंधन, केस स्टडी आदि जैसे विषयों पर भी विशद रूप से समझाया। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य टेंडरों और कॉन्ट्रैक्ट्स के सही संचालन के संबंध में प्रतिभागियों को शिक्षित करना था।
जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें अफसर
संजय कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, दक्षिण मध्य रेलवे ने कहा कि अधिकारियों की नीयत और प्रतिष्ठा, उनके निर्णयों के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने और निर्णय लेते समय उचित विवेक का उपयोग करने की सलाह दी। अतिरिक्त महाप्रबंधक सत्य प्रकाश ने विभिन्न टेंडरों के शीघ्र निष्पादन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि टेंडरों के उद्देश्य समय पर पूरे हो सकें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कॉन्ट्रैक्ट्स का विस्तार करते समय उनकी गहन समीक्षा अवश्य करें।
विजिलेंस का मतलब क्या होता है?
सतर्कता, निगरानी और अनुशासन बनाए रखने की प्रक्रिया को आम तौर पर विजिलेंस कहा जाता है। इसका मकसद किसी भी संस्था, विभाग या संगठन में भ्रष्टाचार, अनियमितता, रिश्वतखोरी और दुरुपयोग जैसी गतिविधियों को रोकना होता है। विजिलेंस सिस्टम लगातार व्यवहार, कामकाज और निर्णयों पर नज़र रखकर यह सुनिश्चित करता है कि सब कुछ नियमों व कानूनों के अनुसार ही हो।
विजिलेंस पुलिस क्या है?
यह विशेष इकाई सरकारी विभागों, सार्वजनिक संस्थानों और प्रशासनिक तंत्र में होने वाली भ्रष्ट गतिविधियों पर कार्रवाई करने के लिए बनाई जाती है। विजिलेंस पुलिस रिश्वतखोरी, नौकरी में अनियमितता, घोटाले या अधिकारों के दुरुपयोग जैसे मामलों की जांच करती है। साथ ही, यह विभागीय जांच, ट्रैप केस (रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ना) और सतर्कता कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करती है।
विजिलेंस में शिकायत कैसे दर्ज करें?
अनियमितता या भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत विजिलेंस विभाग में कई माध्यमों से दर्ज की जा सकती है। आमतौर पर व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर, आधिकारिक ईमेल, ऑनलाइन पोर्टल, लिखित आवेदन या सीधे विजिलेंस कार्यालय जाकर शिकायत करता है। शिकायत में घटना का विवरण, प्रमाण, संबंधित अधिकारी का नाम और उपलब्ध दस्तावेज़ जोड़ने से कार्रवाई तेज होती है। अधिकांश विभाग शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखने की सुविधा भी देते हैं।
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