दूरस्थ कार्य पर विचार करने का आग्रह किया गया
हैदराबाद। भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर, साइबराबाद पुलिस (Cyberabad police) ने कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) व्यवस्था अपनाने की सलाह देते हुए एक सलाह जारी की है। साइबराबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) (Joint Commissioner of Police) द्वारा जारी परामर्श में कंपनियों से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, यातायात की भीड़ को कम करने, उत्पादकता बनाए रखने और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान निर्बाध आपातकालीन सेवाओं को सक्षम करने के लिए दूरस्थ कार्य पर विचार करने का आग्रह किया गया है।
जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, घर के अंदर ही रहें
प्राधिकारियों ने बारिश के प्रभाव को प्रबंधित करने में, विशेष रूप से यातायात संचालन और आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाओं पर, जनता के सहयोग के महत्व पर बल दिया है। संयुक्त आयुक्त ने आधिकारिक नोट में कहा, ‘हम इस मामले में आपकी समझ और सहयोग की सराहना करते हैं।’ जलभराव और संभावित व्यवधान की आशंका के कारण, निवासियों और यात्रियों को सलाह दी जाती है कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, वे घर के अंदर ही रहें तथा मौसम संबंधी अद्यतन जानकारी और अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।
करीमनगर में भारी बारिश, मनैर नदी में अस्थायी सड़क बह गई
करीमनगर। पूर्ववर्ती करीमनगर जिले के कई हिस्सों में कल रात से व्यापक वर्षा हो रही है, जिससे किसानों को राहत मिली है और अस्थायी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। राजन्ना-सिरसिला जिले के एलांथाकुंटा मंडल के पेल्लिंगपुर में सबसे अधिक 96.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। जगतियाल जिले के धर्मपुरी मंडल में नेरेल्ला में 91.3 मिमी बारिश हुई। हालांकि किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन कलवस्रीरामपुर मंडल में किस्टामपेट के पास मनैर नदी पर बनाई गई एक अस्थायी मिट्टी की सड़क भारी पानी के बहाव में बह गई। यह सड़क पेड्डापल्ली और जयशंकर-भूपलपल्ली जिलों के बीच एक स्थानीय संपर्क का काम करती थी। इस बीच, धान की रोपाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे किसानों ने लगातार बारिश पर खुशी जताई।
भारी बारिश होने पर क्या होता है?
बाढ़, भूस्खलन, जलभराव, फसलों को नुकसान, बिजली गिरने और यातायात में बाधा जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे जनजीवन प्रभावित होता है और कभी-कभी जान-माल की हानि भी हो सकती है।
लौटते हुए मानसून के दौरान कहाँ वर्षा होती है?
मानसून (Retreating Monsoon) के दौरान वर्षा मुख्यतः दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के कुछ भागों में होती है। यह वर्षा सितंबर के अंत से नवंबर तक होती है और इसे “उत्तर-पूर्व मानसून” भी कहा जाता है।
बारिश का असली नाम क्या है?
वैज्ञानिक या असली नाम वर्षा (Precipitation) है। मौसम विज्ञान में वर्षा उन जलबिंदुओं को कहते हैं जो बादलों से पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं। इसमें बूंदाबांदी, मूसलधार बारिश, ओले और बर्फबारी जैसी घटनाएँ भी शामिल होती हैं।
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