Terrorism पर Modi का स्पष्ट संदेश Trade नहीं, अब War भारत और अमेरिका के रिश्तों पर मंडरा रहा खतरा
ट्रंप के आग्रह पर पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक फोन कॉल के दौरान बड़ा बयान दिया है। इस वार्ता में मोदी ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि Terrorism पर अब कोई समझौता नहीं होगा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि Terrorism को लेकर अब भारत का रुख पूरी तरह बदल चुका है – Trade नहीं, अब War होगा।
मोदी ने क्यों दिया ये सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का यह रुख अचानक नहीं आया है। बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान से बढ़ते सीमा पार आतंकवाद, कश्मीर में सक्रिय आतंकी गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की चिंताओं को नजरअंदाज किए जाने के बाद यह बयान सामने आया।

मुख्य बिंदु:
- ट्रंप ने की पीएम मोदी से टेलीफोन पर बातचीत
- चर्चा का विषय: आतंकवाद और भारत-अमेरिका संबंध
- मोदी का सख्त रुख: अब व्यापार नहीं, युद्ध स्तर का जवाब
- पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र भी शामिल
Terrorism पर भारत का बदलता दृष्टिकोण
भारत अब Terrorism को सिर्फ सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़कर देख रहा है। मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि कूटनीति और वार्ता की सीमाएं खत्म हो चुकी हैं, और यदि ज़रूरत पड़ी, तो भारत कड़ा सैन्य प्रतिउत्तर देगा।
Donald Trump और Modi की साझेदारी का भविष्य
ट्रंप भले ही अब अमेरिकी राष्ट्रपति न हों, लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका अभी भी अहम है। मोदी के साथ उनकी यह बातचीत न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर Terrorism के खिलाफ बन रही रणनीति को भी नया मोड़ दे सकती है।

भारत की नई नीति के संकेत
मोदी सरकार अब “सब्र की नीति” से हटकर “सीधी प्रतिक्रिया” की दिशा में बढ़ रही है। यह न सिर्फ पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि सभी उन देशों के लिए संदेश है जो आतंकवाद को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समर्थन देते हैं।
Terrorism पर प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान एक निर्णायक मोड़ का संकेत है।
यह स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कार्रवाई में भी बदलाव लाने को तैयार है।
Trade नहीं, War – यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत की रणनीतिक दिशा को दर्शाता है।