इस्लामाबाद। अप्रैल महीने में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (Terrorist Attack) के जवाब में भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर में कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के चिथड़े उड़ गए थे। यह बात किसी ओर ने नहीं एक जैश कमांडर मसूद इलियास ने कैमरे के सामने कबूली है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही मसूद के परिवार के कई सदस्यों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। लेकिन, अब मसूद के खास आतंकवादी के कबूलनामे ने भारत के दावे पर मुहर लगा दी है।
जैश कमांडर का बड़ा कबूलनामा
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकवादी ठिकाने पर भारतीय सेना जबर्दस्त प्रहार किया था। इस हमले में मसूद (Masood) का पूरा परिवार खत्म हो गया था। आंतकी इलियास (Terrorist Iliyash) का यह वीडियो बयान एक बड़ा झटका है पाकिस्तान-समर्थित आतंकवाद के लिए है। क्योंकि इलियास जैश का एक प्रमुख कमांडर है। इलियास ने खुद कबूल किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर के मार्काज सुब्हान अल्लाह कॉम्प्लेक्स जैश का मुख्यालय था। इस पर भारतीय मिसाइल हमलों में मसूद अजहर के 10 परिवारजन और 4 सहयोगी मारे गए। इसमें अजहर की बहन, उसका पति और कई बच्चे शामिल थे।
भारतीय मिसाइलों ने उड़ाया 15 एकड़ का आतंकी ठिकाना
पाकिस्तानी मीडिया ने शुरुआत में 14 मौतों की रिपोर्ट की थी, लेकिन अजहर ने खुद पुष्टि की कि उनका पूरा परिवार खत्म हो गया। यह कॉम्प्लेक्स 15 एकड़ में फैला था, जहां युवाओं को आंतकी बनने की ट्रेनिंग और कट्टरपंथी शिक्षा दी जाती थी। बात दें कि भारतीय वायुसेना ने सात मई की रात 1:05 बजे नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें जैश, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के कैंप शामिल थे। चार साइटें पाकिस्तान में (सियालकोट, मुरिदके और बहावलपुर) और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में थीं। मसूद अजहर जैश का संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी है।
जैश की स्थापना की और कई बड़े हमलों की साजिश रची
भारत के लिए लंबे समय से खतरा रहा है। 56 वर्षीय अजहर ने 2000 में जैश की स्थापना की और कई बड़े हमलों की साजिश रची। इसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा हमला शामिल है। बात वर्ष 1999 में एयर इंडिया आईसी-814 विमान अपहरण के बाद भारत ने अजहर को रिहा किया था, इसके बाद वह पाकिस्तान में सक्रिय हो गया। उसके भाई अब्दुल रऊफ अजहर और अन्य रिश्तेदार भी जैश के हथियार ट्रेनिंग और ऑपरेशंस में शामिल थे।
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