कोसमनारा गांव के बाबा सत्यनारायण की दिनचर्या रहस्यमयी है. वे कब सोते हैं, क्या खाते हैं और कैसे इतनी गर्मी, सर्दी और बारिश सहन कर लेते हैं, यह कोई नहीं जानता. बाबा पूरे दिन और रात तपस्या में लीन रहते हैं. केवल रात के समय वे अपनी आंखें खोलते हैं और भक्तों से इशारों में बात करते हैं.

रायपुर
छत्तीसगढ़ में रोचक किस्सों, रहस्यों और आस्था की कमी नहीं है. दरअसल रायगढ़ जिले से महज चार किलोमीटर दूर कोसमनारा गांव का बाबा धाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां 26 सालों से तपस्या में लीन सत्यनारायण बाबा को देखने के लिए देश-विदेश से भक्तों की भीड़ उमड़ती है. बाबा सालभर एक ही स्थान पर बैठकर साधना में लीन रहते हैं.तपती गर्मी हो या कड़ाके की ठंड, बारिश का मौसम हो या तेज धूप, मौसम की कोई भी मार बाबा की तपस्या को प्रभावित नहीं कर पाती. उनका जीवन रहस्य और आस्था से भरा हुआ है, जिसे देखने और महसूस करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं.
खाने-पीने और दिनचर्या का रहस्य
बाबा की दिनचर्या रहस्यमयी है. वे कब सोते हैं, क्या खाते हैं और कैसे इतनी गर्मी, सर्दी और बारिश सहन कर लेते हैं, यह कोई नहीं जानता. बाबा पूरे दिन और रात तपस्या में लीन रहते हैं. केवल रात के समय वे अपनी आंखें खोलते हैं और भक्तों से इशारों में बात करते हैं. इसी दौरान वे फल और दूध का सेवन करते हैं. बाबा से मिलने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और अपनी समस्याएं बताते हैं, जिनका समाधान बाबा इशारों में ही देते हैं.