पुलिस ने दर्ज किया मामला
सिद्दीपेट। रविवार को अक्कन्नापेट मंडल के केशनायक थांडा (Keshanayak Thanda) में एक नवजात शिशु (newborn baby) का शव एक नाले में मिला, जिससे क्षेत्र में सदमे और आक्रोश फैल गया। पुलिस के अनुसार, स्थानीय लोगों ने नाले में तैरता हुआ शव देखकर अधिकारियों को सूचित किया। सब-इंस्पेक्टर प्रशांत मौके पर पहुँचे और शव को हुस्नाबाद के सरकारी अस्पताल पहुँचाया।
शव का कराया जाएगा पोस्टमार्टम
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शिशु को फेंकने वालों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है। शनिवार को जहीराबाद स्थित क्षेत्रीय अस्पताल की कैंटीन के अंदर कूड़ेदान में एक शिशु का शव मिला।

नवजात शिशु की मृत्यु कैसे होती है?
जीवन के पहले 28 दिनों में नवजात शिशु की मृत्यु अक्सर प्रसूति जटिलताएं, समय से पहले जन्म, जन्म के समय संक्रमण, श्वसन समस्याएं या जन्म दोषों के कारण होती है। अपर्याप्त प्रसव देखभाल, कुपोषण और साफ-सफाई की कमी भी इस मृत्यु दर को बढ़ाते हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
शिशु मृत्यु के मुख्य कारण कौन से हैं?
प्रमुख कारणों में प्रारंभिक प्रसव (प्रीमैच्योर डिलीवरी), जन्म के समय दम घुटना, निमोनिया, डायरिया, टेटनस, सेप्सिस और जन्मजात दोष शामिल हैं। इन मौतों के पीछे स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कुपोषण और मातृ देखभाल की असमानता भी प्रमुख भूमिका निभाती है।
शिशु मृत्यु दंड क्या है?
इस वाक्यांश का कोई कानूनी या स्पष्ट अर्थ नहीं है। यदि किसी नवजात शिशु की जान जानबूझकर ली जाती है, तो वह हत्या या शिशुहत्या (infanticide) की श्रेणी में आता है, जिस पर भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 या 315 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है।
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