बच्चों का अंगूठा या उंगली चूसना एक सामान्य आदत मानी जाती है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि यह आदत एक छोटे से आराम के संकेत के तौर पर शुरू होती है, लेकिन अगर लंबे समय तक बनी रहे तो यह बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती है।
बच्चों में जन्म से ही रूटिंग और सकिंग रिफ्लेक्स होते हैं। यही नेचुरल रिफ्लेक्स उन्हें अपने अंगूठा या उंगलियां मुंह में डालने के लिए प्रेरित करते हैं। कई बार तो यह आदत जन्म से पहले ही (गर्भ में) शुरू हो जाती है।
इसके अलावा जब बच्चा किसी बात को लेकर तनाव, डर या बेचैनी महसूस करता है तो वह खुद को शांत करने और सुरक्षित रखने के लिए अंगूठा चूसने लगता है। यह व्यवहार एक तरह का सेल्फ-सूथिंग बिहेवियर होता है। यही वजह है कि कुछ बच्चे थोड़े परेशान, थके हुए या नींद में होने पर खुद को शांत करने के लिए अंगूठा चूसने लगते हैं।
बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत कितने समय तक रहती है?
अंगूठा चूसना बच्चों की सबसे आम आदतों में से एक है। करीब 90% नवजात शिशु जन्म के दो घंटे के भीतर किसी-न-किसी रूप में हाथ चूसने का व्यवहार दिखाते हैं। अधिकतर बच्चे 6-7 महीने की उम्र में या फिर 2 से 4 साल की उम्र के बीच स्वाभाविक रूप से यह आदत छोड़ देते हैं। यह एक सामान्य विकास प्रक्रिया का हिस्सा होता है और इस उम्र तक यह आदत कोई स्थायी नुकसान नहीं करती है।
यह आदत कब हो सकती है नुकसानदायक?
दो साल की उम्र तक – चिंता की बात नहीं
- विकास का सामान्य हिस्सा
- बच्चा खुद ही धीरे-धीरे छोड़ देता है
चार साल की उम्र के बाद – सतर्क होने का समय
- दांतों की संरचना पर प्रभाव
- बोलने में समस्या
- जबड़ा और तालु की बनावट पर असर
स्कूल जाने की उम्र में – सामाजिक असर
- दूसरे बच्चों द्वारा चिढ़ाया जाना
- आत्म-विश्वास में कमी
पेरेंट्स क्या करें? कैसे छुड़ाएं यह आदत?
सकारात्मक सहयोग दें
- डांटने या शर्मिंदा करने से बचें
- समझदारी और धैर्य से काम लें
बच्चे को व्यस्त रखें
- हाथों में खिलौना दें
- आर्ट एंड क्राफ्ट, पज़ल जैसी चीजों में लगाएं
नींद से पहले के रूटीन को सुधारें
- सोने से पहले रिलैक्सिंग एक्टिविटी
- किताब पढ़ना या लोरी सुनाना
रिवॉर्ड सिस्टम अपनाएं
- हर दिन या सप्ताह के लिए लक्ष्य निर्धारित करें
- अच्छी प्रगति पर छोटा इनाम दें
कब डॉक्टर से सलाह लें?
अगर आदत बनी रहे:
- 5 साल से ज्यादा उम्र तक
- दांतों या मुंह की संरचना में बदलाव दिखे
- स्किन पर संक्रमण या सूजन हो
डेंटल एक्सपर्ट की राय
- ओर्थोडॉन्टिक स्पेशलिस्ट की मदद से असर की जांच
- कुछ केस में थंब गार्ड या अन्य उपाय