भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बावजूद, सिंधु जल संधि निलंबन, वीजा रोक, हवाई-व्यापार बंदी जैसे पांच बड़े प्रतिबंध अब भी लागू हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में टकराव को रोकने के समझौते के कुछ दिन बाद भी दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पी ओके में हवाई हमले किए, जो कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए एक घातक आतंकी हमले का जवाब था। पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। इसके बाद 4 दिनों तक दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी और एयर फाइट की घटनाएं हुईं, जब तक कि शनिवार को अचानक लड़ाई को रोकने का ऐलान नहीं हो गया।
हालात अभी भी सामान्य से कोसों दूर
सीजफायर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी के आसपास के कस्बों में जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। लेकिन, दोनों देशों के बीच हालात अभी भी सामान्य से कोसों दूर हैं। युद्धविराम से पहले भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए थे, जिनमें एक सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वीजा रोकना और व्यापार बंद करना शामिल है। जवाब में, पाकिस्तान ने भी बदले की कार्रवाई करते हुए भारतीयों के लिए वीजा सस्पेंड किए, व्यापार पर रोक लगाई और अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया। बता दें कि इनमें से कोई भी प्रतिबंधात्मक कदम अभी तक दोनों देशों ने वापस नहीं लिए हैं। आइए, पाहलगाम हमले के बाद से घोषित इन 5 कदमों की स्थिति पर नजर डालें:
सिधु जल संधि का निलंबन
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में हमले पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में कहा, ‘भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है, आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
- पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’
- बता दें कि
- 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि, सिंधु नदी बेसिन की 6 नदियों के जल-बंटवारे को नियंत्रित करती है।
- यह संधि दोनों देशों के बीच दो युद्धों के बावजूद कायम रही और सीमा-पार जल प्रबंधन का उदाहरण मानी जाती थी, लेकिन पिछले महीने इसके निलंबन ने स्थिति को बदल दिया।
- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहले कहा था कि वे भारत के साथ पानी के मुद्दे को शांतिपूर्ण बातचीत से हल करने में विश्वास रखते हैं।
- लेकिन भारत के इस फैसले ने कूटनीतिक स्तर पर बड़ा बदलाव ला दिया है।
- पाकिस्तान अपनी कृषि और नागरिक जल आपूर्ति के लिए इन नदियों पर बहुत हद तक निर्भर है।
- पाकिस्तान का कहना है कि पानी को हथियार नहीं बनाया जा सकता।
- अगर भारत मौजूदा और संभावित ढांचे से सिंधु नदी के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना शुरू करता है, तो सूखे मौसम में पाकिस्तान पर इसका अच्छा-खासा असर पड़ सकता है।
वीजा निलंबन और राजनयिकों का निष्कासन
- भारत ने अपनी जवाबी कार्रवाइयों के तहत पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया।
- उसने सभी पाकिस्तानी रक्षा अताशे को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ (अवांछित) घोषित कर निष्कासित कर दिया और इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाने की घोषणा की।
- पाकिस्तान ने भी इसी तरह के कदम उठाए।
- दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटा दी।
- इसके अलावा, दोनों देशों ने एक-दूसरे के नागरिकों के लिए लगभग सभी वीजा सस्पेंड कर दिए।
अटारी-वाघा सीमा को किया गया बंद
- भारत ने पहलगाम आतंकी हमलों के खिलाफ एक्शन लेते हुए अटारी सीमा को बंद कर दिया, और कुछ देर बाद ही पाकिस्तान ने भी वाघा सीमा को बंद करने का ऐलान किया।
- बता दें कि मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच आवागमन का यही एकमात्र रास्ता है।
- दोनों देशों ने शुरू में अपने नागरिकों को लौटने के लिए लगभग एक सप्ताह का समय दिया, लेकिन बाद में इस समयसीमा को बढ़ा दिया गया।
- भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पिछले हफ्ते पत्रकारों को बताया था कि यह निलंबन अगली सूचना तक लागू रहेगा।
हवाई क्षेत्र को बंद करना
- पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव को और आगे ले जाते हुए भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की।
- इसके बाद, भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी उड़ानों, सैन्य और वाणिज्यिक दोनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।
- इसके चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अब लंबे और महंगे चक्करदार रास्तों से जाना पड़ रहा है, जिससे यात्रा का समय और ईंधन खर्च दोनों बढ़ गए हैं।
- पाकिस्तान की मौजूदा माली हालत को देखते हुए यह उसके लिए काफी घातक साबित हो रहा है।
सभी तरह के व्यापार पर रोक
- दोनों देशों ने सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यापार को भी निलंबित कर दिया है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि भारत पर इसका असर कम होगा, क्योंकि वह पाकिस्तान से ज्यादा आयात नहीं करता।
- लेकिन पाकिस्तान के लिए यह बड़ी समस्या है। पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान को व्यापार मार्गों और भारत से महत्वपूर्ण सामानों, जैसे कच्चे माल और दवाओं तक पहुंच खोने से और दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
तनाव जल्द खत्म होने के आसार नहीं
सीजफायर की वजह से भले ही भिड़ंत रुक गई है, लेकिन इन कड़े कदमों के बरकरार रहने से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव कम होने की संभावना कम ही दिखती है। दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और इन प्रतिबंधों के आर्थिक व सामाजिक प्रभावों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। भारत ने साफ कह दिया है कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों को पालना-पोसना बंद नहीं करेगा तब तक उससे किसी तरह की बातचीत नहीं हो सकती। वहीं, पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं लग रहा।
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