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Chittaurgarh : सांवलिया सेठ मंदिर में चढ़ावे ने रचा दिया इतिहास

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Chittaurgarh : सांवलिया सेठ मंदिर में चढ़ावे ने रचा दिया इतिहास

केवल नकद में निकले 28 करोड़ रुपये, श्रद्धालुओं की आस्था ने रच दिया नया रिकॉर्ड

Chittaurgarh : हाल ही में एक प्रसिद्ध मंदिर (Temple) में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे की गिनती के दौरान चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। केवल नकदी के रूप में 28 करोड़ (28 crores) रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है, जिससे प्रशासन और श्रद्धालु दोनों हैरान हैं

कैसे हुई गिनती?

  • मंदिर प्रशासन ने नोटों की गिनती के लिए बैंक कर्मचारियों और सुरक्षा एजेंसियों की मदद ली।
  • गिनती का कार्य कई दिनों तक चला।
  • नोट गिनने की मशीनों की मदद से काम को व्यवस्थित किया गया।

नकद ही नहीं, सोना-चांदी भी मिला

  • नकदी के अलावा सोने-चांदी के आभूषण और महंगे उपहार भी बड़ी मात्रा में चढ़ाए गए।
  • चढ़ावे में कई किलो सोना और चांदी के बर्तन, मूर्तियाँ, और आभूषण शामिल हैं।
  • कुछ श्रद्धालुओं ने विदेश से लाकर भी भेंट दी।

चित्तौड़गढ़: Chittaurgarh मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार ने एक बार फिर सबको हैरत में डाल दिया है। 6 चरणों में हुई गणना के बाद भंडार से 22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 77 रुपये की भारी-भरकम नकद राशि, 410 ग्राम सोना और 80 किलो 500 ग्राम चांदी निकली। बता दें कि चतुर्दशी को ठाकुरजी की राजभोग आरती के बाद भंडार खोला गया था। पहले चरण में 7 करोड़ 15 लाख रुपये, दूसरे चरण में 3 करोड़ 35 लाख रुपये, तीसरे चरण में 7 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपये, चौथे चरण में 3 करोड़ रुपये, पांचवें चरण में 88 लाख 65 हजार 200 रुपये और अंतिम छठे चरण में 20 लाख 85 हजार 877 रुपये प्राप्त हुए।

भेंट कक्ष में भी उमड़ा भक्तों का प्यार

Chittaurgarh : बता दें कि भंडार से कुल मिलाकर 22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 77 रुपये की राशि निकली। इसके अलावा 410 ग्राम सोना और 80 किलो 500 ग्राम चांदी ने भंडार की शान को और बढ़ा दिया। इसके अलावा श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के भेंट कक्ष में भी भक्तों का प्यार उमड़ा। नकद और मनी ऑर्डर के रूप में 6 करोड़ 9 लाख 69 हजार 478 रुपये, 1 किलो 33 ग्राम 300 मिलीग्राम सोना और 124 किलो 400 ग्राम चांदी भेंट स्वरूप प्राप्त हुई। भंडार और भेंट कक्ष की राशि को मिलाकर इस माह मंदिर की कुल आय 28 करोड़ 32 लाख 45 हजार 555 रुपये रही। इसके अलावा कुल मिलाकर 1 किलो 443 ग्राम सोना और 204 किलो से ज्यादा चांदी भी निकली।

हजारी दास वैष्णव की अगुवाई में हुई गिनती

गुरुवार को अंतिम चरण की गणना मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव की अगुवाई में हुई। इस दौरान नायब तहसीलदार व मंदिर मंडल प्रशासनिक अधिकारी प्रथम शिवशंकर पारीक, प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय व लेखाकार राजेंद्र सिंह, संपदा व मंदिर व्यवस्था प्रभारी भेरुगिरी गोस्वामी, सुरक्षा प्रभारी गुलाब सिंह, संस्थापन प्रभारी लेहरी लाल गाडरी, वरिष्ठ सहायक कालूलाल तेली, स्टोर प्रभारी मनोहर शर्मा सहित मंदिर मंडल और क्षेत्रीय बैंकों के कर्मचारी मौजूद रहे। बता दें कि श्री सांवलियाजी मंदिर राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

सांवरिया Chittaurgarh सेठ का इतिहास क्या है?

किंवदंतियों के अनुसार, भगवान सांवलिया सेठ को महान संत मीरा बाई के गिरधर गोपाल के रूप में पूजा जाता है. मुगल शासक औरंगजेब के काल में मंदिरों को तोड़े जाने के डर से संत दयाराम ने इन मूर्तियों को बागुंड-भादसोड़ा के छापर में एक वटवृक्ष के नीचे छिपा दिया था. संत दयाराम के निधन के बाद ये मूर्तियां कई वर्षों तक वहीं दबी रहीं

सांवरिया सेठ के क्या चमत्कार हैं?

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का एक ऐसा रहस्यमयी मन्दिर श्री सांवलिया सेठ है जहांँ श्रद्धा से जाने मात्र ही आपके व्यापार में वृद्धि होना स्वाभाविक है। यह मन्दिर व्यापरियों के बिजनेस पार्टनर के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं।

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