नई दिल्ली । अरुणाचल प्रदेश में पलास बिल्ली (Plas Cat) सहित कई दुर्लभ जीवों की तस्वीर पहली बार सामने आई है। ये तस्वीरें वन्यजीव सर्वेक्षण के दौरान मिली हैं। बता दें कि जिस पलास बिल्ली की तस्वीर सामने आई है, वह समुद्र तल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर पाई जाती है।
4200 मीटर से ऊपर दिखीं पांच जंगली बिल्लियां
अरुणाचल में किए गए वन्यजीव सर्वेक्षण में 4200 मीटर से ऊपर की ऊंचाई पर पांच अलग-अलग जंगली बिल्लियां कैमरे में कैद हुईं। इनमें हिम तेंदुआ, सामान्य तेंदुआ, धूमिल तेंदुआ, तेंदुआ बिल्ली और संगमरमरी बिल्ली शामिल हैं।
पलास बिल्ली की खासियत
पलास बिल्ली अपनी शारीरिक बनावट से अन्य बिल्लियों से अलग होती है। यह छोटी और एकाकी होती है, जिसके पास घना भूरा फर और गोल कान होते हैं। पलास बिल्ली मुख्य रूप से मंगोलिया (Mangolia) चीन, रूस, कजाकिस्तान और ईरान जैसे देशों में मिलती है और 5000 मीटर ऊंचाई तक के ठंडे रेगिस्तानी इलाकों में रहती है।
अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण
जुलाई से सितंबर 2024 के बीच डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया (WWF India) ने पश्चिमी कामेंग और तवांग जिलों में 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 83 जगहों पर 136 कैमरा ट्रैप लगाए। इसे भारत का सबसे व्यापक वन्यजीव निगरानी अभ्यास माना जा रहा है।
ऊंचाई के रिकॉर्ड तोड़े
सर्वेक्षण में कई प्रजातियों के लिए अब तक की सबसे ऊंची ऊंचाई के रिकॉर्ड दर्ज किए गए।
- सामान्य तेंदुआ – 4,600 मीटर
- धूमिल तेंदुआ – 4,650 मीटर
- संगमरमर बिल्ली – 4,326 मीटर
- हिमालयन वुड उल्लू – 4,194 मीटर
- ग्रे-हेडेड फ्लाइंग गिलहरी – 4,506 मीटर
ये सभी ऊंचाई रिकॉर्ड भारत में पहली बार दर्ज किए गए हैं और वैश्विक सीमा से भी अधिक हो सकते हैं।
हिम तेंदुआ और सामान्य तेंदुआ एक साथ
कैमरा ट्रैप ने एक ही जगह पर हिम तेंदुआ और सामान्य तेंदुआ को गंध-चिह्न लगाते हुए रिकॉर्ड किया। इससे यह नई जानकारी मिली कि ये दोनों बड़ी बिल्लियां एक ही अल्पाइन आवास को साझा कर सकती हैं।
चरवाहा समुदाय भी आया कैमरे में
सर्वेक्षण के दौरान ब्रोक्पा चरवाहा समुदाय और उनके पशुधन की तस्वीरें भी सामने आईं। यह सदियों पुरानी चरागाह परंपराओं को दर्शाता है, जिसने ऊंचाई वाले इन रेंजलैंड्स में इंसानों और वन्यजीवों के सह-अस्तित्व को संभव बनाया है।
बिल्ली का असली नाम क्या है?
“बिल्ली” एक जानवर है और इसका कोई पूर्ण रूप (फुल फॉर्म) नहीं है; इसका वैज्ञानिक नाम फेलिस कैटस या फेलिस डोमेस्टिका है।
बिल्लियाँ कितने साल तक जीवित रहती हैं
बिल्लियाँ औसतन 12 से 18 साल तक जीती हैं, लेकिन कुछ बिल्लियाँ 20 साल या उससे अधिक भी जीवित रह सकती हैं। एक बिल्ली का जीवनकाल कई बातों पर निर्भर करता है,
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