Indore : असंभव को संभव करने वाली गुरदीप की कहानी

By Surekha Bhosle | Updated: July 3, 2025 • 5:15 PM

देख, सुन और बोल नहीं सकती, फिर भी पाई सरकारी नौकरी – एक मिसाल बनी इंदौर की बेटी

अगर कोई व्यक्ति देख नहीं सकता, सुनने में अक्षम है और बोल भी नहीं पाता, तो वह अपनी बात कैसे रखेगा? साधारण साइन लैंग्वेज भी उसके काम नहीं आ सकती, क्योंकि कोई इशारा करेगा भी तो वह देखेगा कैसे? बाहरी दुनिया से संवाद के सभी सेतु टूट चुके होते हैं। ऐसे में वह क्या कर पाएगा?

लेकिन इसके बावजूद इंदौर (Indore) की बेटी ने यह कर दिखाया। गुरदीप (Gurdeep) कौर वासु देश की पहली बेटी बन गई हैं, जिसने इतनी शारीरिक बाधाओं के बावजूद सरकारी सेवा प्राप्त की है। अन्नपूर्णा क्षेत्र में रहने वाली 34 साल की गुरदीप अब इंदौर की ‘हेलन केलर’ के नाम से जानी जाने लगी हैं। उन्हें बहु-विकलांगता की श्रेणी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में इंदौर के वाणिज्यिक कर विभाग में नियुक्त किया गया है।

विभाग की अतिरिक्त आयुक्त सपना सोलंकी बताती हैं कि गुरदीप Gurdeep नियमित रूप से कार्यालय आती हैं और अपने कार्य को पूरी निष्ठा से करती हैं।

ऐसे करती हैं संवाद

गुरदीप टैक्टाइल साइन लैंग्वेज के माध्यम से संवाद करती हैं। वे सामने वाले के हाथों और उंगलियों को छूकर अपनी बात समझती और समझाती हैं।

उनके माता-पिता प्रीतपाल सिंह वासु और मनजीत कौर बताते हैं कि गुरदीप का जन्म समय से पूर्व हुआ था। दो माह तक अस्पताल में रखना पड़ा। जब वह पांच माह की हो गई, तब भी किसी प्रतिक्रिया का संकेत नहीं दे रही थी। तब उन्हें समझ आया कि गुरदीप न केवल देख और सुन नहीं सकती, बल्कि बोल भी नहीं पाती। अब उसी गुरदीप ने कल्पना से बढ़कर सफलता हासिल की है।

परीक्षा में मूक-बधिर राइटर के लिए लड़नी पड़ी कानूनी जंग

गुरदीप Gurdeep ने पूरी पढ़ाई (12वीं तक) स्पर्श लिपि में की है। हाल ही में उन्होंने आर्ट्स विषय से 52% से अधिक अंकों के साथ 12वीं पास की है।

इंदौर की आनंद सर्विस सोसाइटी के ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित ने 10वीं और 12वीं की पाठ्य सामग्री को स्पर्श लिपि में तैयार किया।

गुरदीप ने रोजाना 8 से 10 घंटे अभ्यास कर दोनों परीक्षाएं पास कीं। पुरोहित दंपति ने यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी कि गुरदीप को परीक्षा में मूक-बधिर राइटर मिल सके। गुरदीप ने स्पर्श लिपि के माध्यम से उत्तर बताए और राइटर ने उन्हें लिखित रूप में पेश किया।

क्या है टैक्टाइल साइन लैंग्वेज?

टैक्टाइल साइन लैंग्वेज एक विशेष प्रकार की संकेत भाषा है, जिसका उपयोग वे लोग करते हैं जो दृष्टिहीन, मूक और बधिर होते हैं। इसमें संवाद के लिए स्पर्श का उपयोग किया जाता है। यह सामान्य संकेत भाषा की तरह ही होती है, लेकिन इसमें इशारों को देखने के बजाय महसूस किया जाता है, जैसे किसी के हाथों की मुद्राओं और गतिविधियों को छूकर।

कौन हैं हेलन केलर

अमेरिकी लेखिका, शिक्षिका थीं। वह दृष्टिहीन और बधिर होने के बावजूद विश्व भर में प्रेरणा का स्रोत बनीं। 19 महीने की उम्र में एक बीमारी के कारण वे देखने, सुनने व बोलने की क्षमता खो बैठी थी।

Read Also: Indore से Jodhpur आ रही बस और ट्रेलर की टक्कर

# Paper Hindi News #Ap News in Hindi #Breaking News in Hindi #Google News in Hindi #Gurdeep #Hindi News Paper bakthi breakingnews delhi Indore latestnews trendingnews