पूर्व रॉ (RAW) प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को अब “आगे बढ़ना” चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा,“समय किसी के पक्ष में नहीं है। हमें आगे बढ़ना होगा, और पाकिस्तान के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा… मैं बार-बार कहता रहूंगा कि हमें पाकिस्तान के साथ आगे बढ़ना ही चाहिए।”अमरजीत सिंह दुलत अपनी नई किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
आतंकवाद खत्म करेः भारत सरकार
लांकि, भारत सरकार पहले भी साफ कर चुकी है कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को पूरी तरह और स्थायी रूप से खत्म नहीं करता, तब तक बातचीत नहीं हो सकती। जनवरी 2004 में पाकिस्तान ने वादा किया था कि वो अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा, लेकिन भारत का कहना है कि वह अब तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है।

इस किताब को लेकर विवाद भी हुआ है, खासकर इसमें पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के चित्रण को लेकर।
फारूक अब्दुल्ला की आलोचना नहीं
इस पर दुलत ने सफाई दी कि “यह किताब फारूक अब्दुल्ला की आलोचना नहीं, बल्कि उनकी तारीफ है।” उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला हमेशा दिल्ली के साथ रहे हैं और “वह एक सच्चे राष्ट्रवादी हैं।”
दुलत ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती का भी जिक्र किया और कहा कि “वह जानती हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ही कश्मीर की मुख्य पार्टी है।” उन्होंने याद करते हुए कहा,
“मैंने एक बार मुफ्ती साहब से पूछा था, ‘वह (फारूक) नेशनल कॉन्फ्रेंस में क्यों नहीं शामिल हो जाते?’ यह किताब डॉ. फारूक की सराहना है।”
हालांकि, कुछ विपक्षी दलों का मानना है कि किताब में कुछ ऐसे खुलासे हैं जो केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच गुप्त राजनीतिक बातचीत की ओर इशारा करते हैं।
दुलत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया था, ऐसी खबरें “गलत तरीके से पेश की गई हैं।”
इस विवाद पर जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं।
- सज्जाद लोन को दुलत की बातें विश्वसनीय लगीं क्योंकि उनका फारूक अब्दुल्ला से नज़दीकी रिश्ता रहा है।
- वहीं, वहीद पारा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस पर सफाई मांगी है।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने आरोप लगाया कि “दुलत जानबूझकर किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं।”