National : आईटीआर भरने में हो गई गलती, चिंता की कोई बात नहीं…

By Anuj Kumar | Updated: August 22, 2025 • 11:15 AM

नई दिल्ली । इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) भरने का समय फिर से आ चुका है। हालांकि, ऑनलाइन रिटर्न भरना पहले से अब आसान हो गया है, फिर भी पहली बार रिटर्न भरने वालों के लिए यह प्रक्रिया थोड़ी दिक्कत भरी हो सकती है। अगर रिटर्न भरते समय कोई गलती हो जाए और आप उस गलती को सुधारना चाहते हैं, तब हम आपकों ये बता रहे हैं कि आपको क्या करना चाहिए। इस साल बिना जुर्माना दिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर, 2025 है। इसके बाद भी आप 31 दिसंबर, 2025 तक विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। यह रकम देरी की अवधि और आपकी कर योग्य राशि पर निर्भर करेगी।

रिटर्न में गलती सुधारने का तरीका

आयकर विभाग (Income Tax Department) के मुताबिक, जिन लोगों से अपने रिटर्न में कोई गलती हो गई है, वे संशोधित रिटर्न दाखिल करके इस गलती को सुधार सकते हैं। ध्यान रहे, एक बार दाखिल करने के बाद, संशोधित रिटर्न मूल रिटर्न की जगह ले लेता है। यह सुविधा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत दी गई है। इसके जरिए आप निम्नलिखित गलतियां सुधार सकते हैं, जैसे गलती से आय की कम रिपोर्टिंग करना, निजी जानकारी में त्रुटि, छूट का छूट जाना, आईटीआर फॉर्म (ITR Form) बदलना, गलत टैक्स गणना, कर देनदारी में बदलाव, या अगर कर अधिकारियों ने सुधार के लिए नोटिस भेजा हो।

संशोधित रिटर्न की आखिरी तारीख

इस वित्तीय वर्ष के लिए, आप 31 दिसंबर, 2025 तक संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, बशर्ते कि मूल रिटर्न सही समय पर दाखिल किया गया हो। संशोधित रिटर्न दाखिल करने की कोई सीमा नहीं है और इस सेवा का उपयोग करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। आप विलंब से दाखिल किए गए रिटर्न में भी सुधार कर सकते हैं। यहां तक कि रिफंड मिल जाने के बाद भी, अगर समय सीमा (31 दिसंबर) से पहले हो, तो आप संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं

इनकम टैक्स का मालिक कौन है?

आयकर विभाग (जिसे आईटी विभाग भी कहा जाता है; संक्षिप्त रूप में आईटीडी ) भारत गणराज्य की सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह का कार्य करने वाली एक सरकारी एजेंसी है। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है। आयकर विभाग का नेतृत्व सर्वोच्च निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करता है।

Tax क्यों लगाया जाता है?

करदाता द्वारा किया जाने वाला ऐसा अनिवार्य अंशदान है जो कि सामाजिक उद्देश्य जैसे आय व संपत्ति की असमानता को कम करके उच्च रोजगार स्तर प्राप्त करने तथा आर्थिक स्थिरता व वृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है। कर एक ऐसा भुगतान है जो आवश्यक रुप से सरकार को उसके बनाए गए कानूनों के अनुसार दिया जाता है।

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