Third Party Remark पर थरूर का बयान, राहुल को घेरा राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस में मतभेद
हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए चीन के मामले में ‘सरेंडर’ शब्द का इस्तेमाल किया। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने कहा कि भारत को किसी भी प्रकार के Third Party Remark की आवश्यकता नहीं है और हमारी संप्रभुता मजबूत है।
थरूर का साफ संदेश – भारत आत्मनिर्भर है
शशि थरूर ने कहा:
“भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और हमें किसी भी Third Party Remark की ज़रूरत नहीं है। हमारी सरकार और हमारी सेना सक्षम हैं।”
उनका यह बयान यह दर्शाता है कि पार्टी के अंदर भी विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

तीसरे पक्ष की टिप्पणी पर उठे सवाल
Third Party Remark शब्द को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। विपक्ष सरकार को घेरना चाहता है लेकिन थरूर जैसे नेता संकेत दे रहे हैं कि बयानबाज़ी में संतुलन ज़रूरी है। थरूर ने स्पष्ट किया कि:
- भारत को बाहरी हस्तक्षेप नहीं चाहिए
- देश की प्रतिष्ठा को आघात नहीं पहुंचना चाहिए
- विपक्ष को जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए
राजनीति में संतुलन क्यों ज़रूरी?
राहुल गांधी का ‘सरेंडर’ बयान सरकार पर हमला था, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी असर डाल सकता है। थरूर ने इस पर सावधानी जताते हुए कहा कि:
- राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए
- Foreign Policy जैसे विषयों में Third Party Remark से बचना चाहिए
- आलोचना से पहले जिम्मेदारी ज़रूरी है
- राहुल गांधी ने सरकार पर लगाया सरेंडर का आरोप
- थरूर बोले – भारत को नहीं चाहिए Third Party Remark
- बीजेपी ने राहुल के बयान को बताया गैरजिम्मेदाराना
- विदेश नीति पर थरूर ने दिखाई परिपक्व सोच
- भारत की कूटनीतिक नीति का समर्थन

क्या कहता है भारत का रुख?
भारत की परंपरागत नीति यह रही है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद में देश को किसी Third Party Remark या मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। भारत-चीन सीमा विवाद भी इसी नीति के दायरे में आता है। शशि थरूर ने इसी नीति की पुष्टि करते हुए राहुल गांधी के बयान को अनुचित करार दिया।