आखिरी बार 2009 में हुआ था ऐसा
देश में भीषण गर्मी और आंधी-पानी का दौर जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर बड़ा पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून अपने तय समय से पहले केरल में दस्तक दे सकता है।
देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच अचानक मौसम ने अपना रुख बदल लिया है। वहीं, मौसम विज्ञान विभाग ने भी कहा है कि इस बार मानसून केरल में तय समय से पहले दस्तक दे देगा। मौसम विभाग के अनुसार केरल में आमतौर पर मानसून 1 जून को आता है, लेकिन इस साल 26 मई के आसपास आने की संभावना है, जो सामान्य तारीख से करीब छह दिन पहले है। यह 2009 के बाद पहला मौका हो सकता है जब मानसून इतनी जल्दी केरल में दस्तक देगा।
अब इन राज्यों की तरफ बढ़ेगा मानसून
इस बीच 22 मई से दक्षिण-पश्चिम मानसून के दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के बाकी इलाकों, लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।
ऐसी रहती है देश में मानसून की गति
आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है। इसके बाद 8 जुलाई तक यह पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्तूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
बीते साल 30 मई को मानसून ने दी थी दस्तक
पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में मानसून ने दस्तक दी थी। 2023 में मानसून 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को केरल पहुंच था। आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान लगाया था। इसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था। अल नीनो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से के लिए जिम्मेदार होता है।
आईएमडी के औसत आंकड़ों को समझिए
- 50 साल के औसत 87 सेमी के 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य’ माना जाता है।
- दीर्घावधि औसत के 90 फीसदी से कम वर्षा को ‘कम’ माना जाता है।
- 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से कम’ माना जाता है।
- 105 प्रतिशत से 110 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से अधिक’ माना जाता है।
- 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा को ‘अधिक’ वर्षा माना जाता है।
मानसून से पहले इन राज्यों में बिगड़ेगा मौसम
- आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मराठवाड़ा, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कई हिस्सों में भी गरज-चमक के साथ 64.5 से 115.5 मिमी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार समुद्र तल से औसतन 1.5 किमी ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और एक पश्चिम पूर्व ट्रफ लाइन मध्य पाकिस्तान से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तरी बांग्लादेश तक फैली हुई है।
आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की भी है आशंका
- इस ट्रफ के प्रभाव से 21 से 26 मई के बीच पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 30-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं, बिजली चमकने और हल्की बारिश की संभावना है। उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की भी आशंका जताई गई है।