Latest News : ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी से तनाव में आई महिला डॉक्टर

By Surekha Bhosle | Updated: September 17, 2025 • 10:20 PM

हार्ट अटैक से मौत

Telangana : तेलंगाना के हैदराबाद में साइबर (Cyber) जालसाजों ने कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर तीन दिनों तक 76 वर्षीय एक रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर को परेशान किया और धमकियां दी, जिससे उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पांच से आठ सितंबर के बीच महिला से 6.60 लाख रुपये ठगने वाले आरोपियों ने आठ सितंबर को उनकी मौत के बाद भी उन्हें संदेश भेजना जारी रखा

Telangana पुलिस के मुताबिक, मृतका के कॉल रिकॉर्ड देखने के बाद उनके बेटे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि परिवार को ‘डिजिटल अरेस्ट’ (‘Digital Arrest’) और इस साइबर ठगी के संभावित मामले का पता चला, जिसकी वजह से उनकी मां की असामयिक मृत्यु हुई। 

व्हाट्सऐप कॉल से ऐसे शुरू हुआ मामला

पुलिस ने बताया कि मुख्य वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त महिला से जालसाजों ने 5 सितंबर को एक ‘मैसेजिंग ऐप’ के जरिए संपर्क किया। व्हाट्सऐप पर जिस आईडी से संपर्क किया गया था उसकी ‘डिस्प्ले पिक्चर’ में बेंगलुरु पुलिस का लोगो लगा हुआ था।

पुलिस ने बताया कि फोन करने वाले ने एक फर्जी ‘जांच रिपोर्ट’ साझा की, जिसमें महिला के आधार विवरण का उल्लेख था और उसे तथाकथित मानव तस्करी के मामले में झूठा फंसाया गया था। पुलिस के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक महिला को बार-बार वीडियो कॉल की गईं और सुप्रीम कोर्ट, कर्नाटक पुलिस विभाग, ED, RBI के कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज़ दिखाकर परेशान किया गया।

पेंशन खाते से 6.6 लाख रुपये धोखेबाजों ने अपने खाते में डलवाए

पुलिस ने बताया कि महिला पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मुकदमा चलाने की धमकी दी गई और बैंक के पेंशन खाते से 6.6 लाख रुपये उन्होंने (धोखेबाजों ने) अपने खाते में डलवाये गए। पुलिस के मुताबिक, रुपये भेजने के बाद महिला को ‘ट्रांजेक्शन स्लिप’ साझा करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उसके बाद भी फर्जी नोटिस/आदेश भेजे गए और लगातार परेशान किया गया।

मानसिक पीड़ा, धमकियों के कारण आया हार्ट अटैक

शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों द्वारा लगातार मानसिक पीड़ा, धमकियों और जबरन वसूली के कारण, उसकी मां को आठ सितंबर की सुबह सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

डिजिटल गिरफ्तारी क्या है?

गिरफ्तारी एक साइबर घोटाला है, जिसमें धोखेबाज खुद को पुलिस अधिकारी या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उन्हें अवैध गतिविधियों में फंसाकर पैसे ऐंठते हैं. इसमें विक्टिम को व्हाट्सएप, वीडियो कॉल या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से धमकी दी जाती है और किसी मामले को रफा-दफा करने के बदले पैसे की मांग की जाती है. 

डिजिटल अपराध क्या है?

अपराध कंप्यूटर डेटा और उससे संबंधित डिजिटल प्रणालियों को लक्षित करने वाला अपराध है, जिसके परिणामस्वरूप डेटा और प्रणालियों तक अनधिकृत पहुँच, चोरी, संशोधन, भ्रष्टाचार या व्यवधान उत्पन्न होता है। डिजिटल अपराध चार श्रेणियों में आते हैं: धोखाधड़ी और पहचान की चोरी , सूचना युद्ध , फ़िशिंग घोटाले और स्पैम ।

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