मछली पकड़ने गए थे नदी की ओर
खम्मम। ज़िले के येरुपलेम मंडल स्थित बंजारा गांव में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ मीनावोलु पुल के पास कट्टालेरु धारा में तीन व्यक्ति लापता (Missing) हो गए। लापता लोगों की पहचान बदवत राजू, भुक्या कोटि और मुक्ता के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, ये तीनों सुबह मछली पकड़ने के लिए नदी (River) की ओर गए थे, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटे।
शक होने पर अधिकारियों को दी गई सूचना
परिवार और स्थानीय लोगों को शक हुआ, तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया। सूचना मिलने पर तहसीलदार उषा शारदा और पुलिस उप-निरीक्षक रमेश मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। प्रशासन ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए विशेषज्ञ तैराकों को बुलाकर तलाशी अभियान शुरू किया। कट्टालेरु धारा में पानी का बहाव तेज़ होने के कारण तलाशी कार्य में चुनौतियाँ आईं, लेकिन खोजबीन देर शाम तक जारी रही।
इलाका कई बार बन चुका है ऐसी घटनाओं का गवाह
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह इलाका पहले भी कई बार ऐसी घटनाओं का गवाह बन चुका है। बावजूद इसके, मछली पकड़ने का जोखिम लोग उठाते हैं, खासकर बारिश के मौसम में जब नदी का जलस्तर बढ़ा होता है। फिलहाल, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के आसपास सतर्कता बरतें और ऐसे जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहें।
सदमे में परिवार
लापता व्यक्तियों के परिवार गहरे सदमे में हैं और उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि खोजबीन तब तक जारी रहेगी जब तक कोई ठोस जानकारी सामने न आ जाए। घटना ने पूरे गाँव में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
खम्मम क्यों प्रसिद्ध है?
तेलंगाना का यह ज़िला ऐतिहासिक दुर्ग, गोदावरी नदी, कोयला खदानों और कृषि उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का खम्मम किला, मुनि सुंदरालय संग्रहालय और भद्राचलम मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
खम्मम का पुराना नाम क्या है?
प्राचीन काल में खम्मम को ‘स्टंबद्री’ कहा जाता था। यह नाम स्थानीय देवता खम्ममेश्वर मंदिर से जुड़ा है, जिसके स्तंभ (स्तंभ = स्टंभ) के कारण इस क्षेत्र को यह नाम मिला।
खम्मम क्यों प्रसिद्ध है?
खम्मम क्षेत्र सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहरों और खनिज संसाधनों के लिए विख्यात है। यहाँ की कोयला खदानें, श्रीराम मंदिर और हथकरघा उद्योग भी इसकी पहचान बनाते हैं।
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