తెలుగు | Epaper

J&K : सियाचिन हिमस्खलन में दो अग्निवीर समेत तीन जवान शहीद

Anuj Kumar
Anuj Kumar
J&K : सियाचिन हिमस्खलन में दो अग्निवीर समेत तीन जवान शहीद

लेह । लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन में भारतीय सेना (Indian Army) को बड़ा आघात पहुंचा है। इस हादसे में सेना के तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें दो अग्निवीर शामिल हैं। यह घटना बेस कैंप के पास लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर हुई।

पेट्रोलिंग के दौरान हादसा

जानकारी के मुताबिक, महार रेजीमेंट (Mahar Rejiment) के जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी अचानक ग्लेशियर में हिमस्खलन हुआ और बर्फीली धारा उन्हें बहा ले गई। शहीद जवानों का संबंध गुजरात, उत्तर प्रदेश और झारखंड से था। सेना ने पुष्टि की है कि पांच अन्य जवान अब भी लापता हैं। वहीं, एक कैप्टन को जिंदा बचा लिया गया है।

बचाव अभियान जारी

हादसे की सूचना मिलते ही सेना की अवलांच रेस्क्यू टीमें (ART) मौके पर पहुंच गईं। बचाव अभियान में सेना के हेलिकॉप्टर—चीता और एमआई-17 का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेह और उधमपुर से विशेष दल समन्वय कर रहे हैं। लेकिन -30 से -60 डिग्री तापमान, तेज हवाएं और लगातार गिरती बर्फ बचाव कार्य को बेहद कठिन बना रही हैं।

सेना की प्रतिबद्धता

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सियाचिन जैसे दुर्गम और खतरनाक मोर्चे पर डटे हमारे जवान देश की सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं। उन्होंने कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि फंसे हुए जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।”

दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र

सियाचिन ग्लेशियर कराकोरम श्रृंखला में 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है। यहां सैनिकों को न केवल दुश्मन से लड़ना पड़ता है, बल्कि प्रकृति की विकट परिस्थितियों से भी जूझना पड़ता है। 1984 में ऑपरेशन मेघदूत शुरू होने के बाद से अब तक 1,000 से अधिक सैनिक मौसम और हिमस्खलन जैसी घटनाओं में शहीद हो चुके हैं।

पहले भी हुए हैं हादसे

सियाचिन में हर साल कई बार हिमस्खलन होता है। 2016 में भी 10 जवान एक हादसे में शहीद हो गए थे। इस बार दुर्घटना उत्तरी ग्लेशियर क्षेत्र में हुई है, जहां ऊंचाई 18,000 से 20,000 फीट तक है

सियाचिन हिमालय कहाँ पर है?

सियाचिन हिमनद हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है, और यह भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के उत्तर-पूर्व में है, जो भारत के लद्दाख क्षेत्र का हिस्सा है। यह दुनिया के सबसे लंबे गैर-ध्रुवीय हिमानदों में से एक है, जो समुद्र तल से लगभग 5,753 मीटर (18,875 फीट) की ऊँचाई से शुरू होकर 3,620 मीटर (11,875 फीट) तक नीचे गिरता है। 

भारत का सबसे लंबा ग्लेशियर कौन सा है?

भारत का सबसे बड़ा ग्लेशियर सियाचिन ग्लेशियर है, जो लद्दाख के पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में स्थित है। यह दुनिया के गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों में सबसे लंबे ग्लेशियरों में से एक है और हिमालयी क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर भी है।

Read More :

Tharoor: टैरिफ की टेंशन: थरूर का ‘टूरिज्म फॉर्मूला’

Tharoor: टैरिफ की टेंशन: थरूर का ‘टूरिज्म फॉर्मूला’

Aizawl: आइजोल को मिली रेल कनेक्टिविटी

Aizawl: आइजोल को मिली रेल कनेक्टिविटी

PM Modi :  संगीतकार भूपेन हजारिका की जन्मशती पर दी श्रद्धांजलि

PM Modi : संगीतकार भूपेन हजारिका की जन्मशती पर दी श्रद्धांजलि

Nepal : पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को दी बधाई

Nepal : पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को दी बधाई

Uttar Pradesh : सांप ने 41 बार डसा, फिर भी जिंदा बच गई लड़की!

Uttar Pradesh : सांप ने 41 बार डसा, फिर भी जिंदा बच गई लड़की!

Greater Noida : मां-बेटे ने 13वीं मंज़िल से लगाई छलांग, मौके पर हुई मौत

Greater Noida : मां-बेटे ने 13वीं मंज़िल से लगाई छलांग, मौके पर हुई मौत

Imphal : “रोड से जाऊंगा चाहे जितना समय लगे” – पीएम मोदी

Imphal : “रोड से जाऊंगा चाहे जितना समय लगे” – पीएम मोदी

Odisha News : छात्रों की शरारत ने ले ली गंभीर रूप

Odisha News : छात्रों की शरारत ने ले ली गंभीर रूप

Bihar : युवक की मां और बहन ने आंखों के सामने देखा डूबते बेटे को

Bihar : युवक की मां और बहन ने आंखों के सामने देखा डूबते बेटे को

Nagpur News : फ्लाइओवर का डिज़ाइन बना विवाद का कारण

Nagpur News : फ्लाइओवर का डिज़ाइन बना विवाद का कारण

Disaster in Mandi parliamentary constituency: सांसद कंगना रनौत नदारद

Disaster in Mandi parliamentary constituency: सांसद कंगना रनौत नदारद

Mumbai: 125 साल पुराना एलफिंस्टन ब्रिज बंद, 450 परिवारों ने जताया विरोध

Mumbai: 125 साल पुराना एलफिंस्टन ब्रिज बंद, 450 परिवारों ने जताया विरोध

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870