Time Magazine की टॉप 100 लिस्ट में ट्रंप और यूनुस का नाम शामिल, नहीं मिली किसी भारतीय को जगह
प्रसिद्ध अमेरिकी प्रकाशन Time Magazine ने हाल ही में अपनी 2025 की ‘Time 100 Most Influential People’ सूची जारी की है। इस सूची में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को शामिल किया गया है। हालांकि, इस बार इस प्रतिष्ठित सूची में किसी भी भारतीय नागरिक को जगह नहीं मिली है, जो कि भारत के लिए एक चौंकाने वाला और चर्चा का विषय बन गया है।
क्यों खास होती है Time की यह सूची?
Time की यह वार्षिक सूची उन 100 लोगों को मान्यता देती है, जिन्होंने वर्ष भर में अपने काम, प्रभाव और नेतृत्व के जरिए दुनिया को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। इसमें राजनेताओं, कलाकारों, वैज्ञानिकों, खेल हस्तियों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जगह दी जाती है।

डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी इस लिस्ट में एक बार फिर से हुई है। Time ने उन्हें “पोलराइजिंग लेकिन प्रभावशाली नेता” के रूप में वर्णित किया है। आगामी अमेरिकी चुनावों में उनकी भूमिका और अमेरिका की राजनीतिक दिशा को लेकर उनकी उपस्थिति को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुहम्मद यूनुस का नाम क्यों?
बांग्लादेश के प्रसिद्ध समाजसेवी और ग्रेमीन बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस को माइक्रोफाइनेंस और सामाजिक व्यापार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए लिस्ट में शामिल किया गया है। यूनुस ने गरीबी उन्मूलन के लिए जो प्रयास किए हैं, वे आज भी कई देशों के लिए प्रेरणा हैं।
भारतीयों की अनुपस्थिति: चर्चा का विषय
हर साल इस लिस्ट में कम से कम एक भारतीय नेता, अभिनेता, वैज्ञानिक या उद्यमी को जगह मिलती रही है। पिछले वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेता शाहरुख खान, उद्यमी नितिन कामथ, वैक्सीन वैज्ञानिक गगनदीप कांग जैसे नामों को इस लिस्ट में जगह मिल चुकी है।
लेकिन 2025 की लिस्ट में एक भी भारतीय नाम नहीं होना एक असामान्य बात मानी जा रही है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है। कई लोगों का कहना है कि भारत जैसे विशाल और विविधता भरे देश से कोई भी प्रतिनिधित्व न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं कुछ लोगों ने Time की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार सूची में तकनीक, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक राजनीति पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। चूंकि भारतीयों का इस साल वैश्विक मीडिया में प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम देखा गया, इसलिए शायद यह चयन हुआ।
Time 100 की सूची हर वर्ष एक चर्चा का विषय बनती है और इस बार भारतीय प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह समय है आत्मचिंतन का — कि क्या भारत की वैश्विक छवि में कुछ कमी आ रही है, या फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय प्रभाव को सही से दिखाया नहीं जा रहा?