Child labour: ऑपरेशन मुस्कान के तहत बचाएंगे बाल श्रमिकों को

By Ajay Kumar Shukla | Updated: July 4, 2025 • 11:20 AM

हैदराबाद। हैदराबाद के जिला कलेक्टर (District Collector) की अध्यक्षता में लकड़ीकापुल स्थित कलेक्टर कार्यालय के मीटिंग हॉल में ऑपरेशन मुस्कान-XI-2025 के संबंध में एक अभिसरण बैठक आयोजित की गई। हैदराबाद शहर पुलिस आयुक्त के निर्देशानुसार, हैदराबाद की महिला सुरक्षा विंग की पुलिस उपायुक्त डॉ. लावण्या एनजेपी ने संबंधित विभागों, बाल कल्याण समिति (CWC), विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और साझेदार गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भाग लिया।

ऑपरेशन मुस्कान-XI के समन्वित कार्यान्वयन पर चर्चा

बैठक के दौरान, 1 जुलाई से 31 जुलाई तक निर्धारित ऑपरेशन मुस्कान-XI के समन्वित कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी में शामिल बच्चों की पहचान और बचाव, लापता बच्चों का पता लगाना और उनका पुनर्वास करना, तस्करी किए गए बच्चों और सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों का बचाव और संरक्षण, बचाए गए बच्चों की उचित संस्थागत देखभाल, परामर्श और पुनर्वास सुनिश्चित करना, उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित किया इसके पूर्व 28 जून को पी. विश्व प्रसाद, एडिशनल के नेतृत्व में एक हितधारक बैठक आयोजित की गई थी।

हैदराबाद शहर भर में 28 डिवीजनल टीमों का गठन

पुलिस आयुक्त, अपराध, हैदराबाद कॉन्फ्रेंस हॉल, सीसीएस बिल्डिंग, हैदराबाद में ऑपरेशन को प्रभावी ढंग से करने के लिए, हैदराबाद शहर भर में 28 डिवीजनल टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में 01 सब-इंस्पेक्टर और 4 हेड कांस्टेबल/पुलिस कांस्टेबल (कम से कम एक महिला अधिकारी सहित) शामिल हैं, जिन्हें देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों को संभालने और दर्पण ऐप के माध्यम से लापता बच्चों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित और संवेदनशील बनाया गया है। ये टीमें श्रम, शिक्षा और कल्याण विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ चाइल्डलाइन, बचपन बचाओ आंदोलन और अन्य जैसे एनजीओ भागीदारों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगी। इसके अलावा, इस बात पर जोर दिया गया कि बचाए गए बच्चों को उचित पुनर्वास उपायों के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जाएगा।

मानव तस्करी विरोधी इकाइयों की भूमिका पर भी चर्चा

बचाव और अनुवर्ती प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में जिला बाल संरक्षण इकाइयों (DCPU) और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों (AHTU) की भूमिका पर भी चर्चा की गई। महिला सुरक्षा विंग की पुलिस उपायुक्त ने बाल सुरक्षा, शोषण की रोकथाम और अंतर-एजेंसी सहयोग और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से बाल-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति हैदराबाद सिटी पुलिस की प्रतिबद्धता को दोहराया।

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