तेलंगाना आबकारी विभाग ढीली निगरानी के लिए जांच के घेरे में
हैदराबाद। ताड़ी (Toddy) में संदिग्ध मिलावट के कारण हाल ही में हुई मौतों और अस्पताल में भर्ती होने की घटनाओं ने आबकारी विभाग की दृश्यता और सतर्कता की प्रभावशीलता पर संदेह पैदा कर दिया है। कभी ताड़ी यौगिकों पर लगातार छापे और कड़ी जांच के लिए जाना जाने वाला विभाग, वर्तमान में निगरानी में ढिलाई बरत रहा है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और नियामक निरीक्षण के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं। पिछले सप्ताह, ताड़ी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई तथा महिलाओं सहित कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए, क्योंकि संदेह है कि ताड़ी में हानिकारक रसायन (Harmful Chemicals) मिला हुआ था।
अनियंत्रित हो रही हैं अवैध गतिविधियां
पीड़ितों के परिवारों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्रवर्तन के अभाव में सिंथेटिक मादक द्रव्यों और हानिकारक पदार्थों के मिश्रण जैसी अवैध गतिविधियां अनियंत्रित हो रही हैं। कुछ साल पहले तक, आबकारी विभाग ताड़ी खनन क्षेत्रों और खुदरा दुकानों पर नियमित रूप से छापे मारता था। विशेष टीमें प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूने एकत्र करती थीं, ताड़ी भंडारण सुविधाओं की जाँच करती थीं और नियमों का उल्लंघन करने वाले लाइसेंस धारकों के खिलाफ कार्रवाई करती थीं। हालाँकि, हाल के दिनों में इस तरह की प्रत्यक्ष सख्ती में भारी कमी आई है।
पहले ज़्यादा सक्रिय हुआ करते थे आबकारी विभाग के अधिकारी
अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने आरोप लगाया, ‘आबकारी विभाग के अधिकारी पहले ज़्यादा सक्रिय हुआ करते थे। मिलावट और अवैध आपूर्ति की जाँच के लिए नियमित अभियान चलाए जाते थे। अब, ऐसा लगता है कि नियमित निरीक्षण पीछे छूट गए हैं।’ पीड़ितों के परिवार सरकार से ताड़ी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए कड़े नियम फिर से लागू करने और समय-समय पर नमूनों की जाँच करने का आग्रह कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की जाँच कर रहे हैं और अस्पतालों से विष विज्ञान रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। वे इस मामले में और स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

किसी भी लाइसेंसधारी को किया जाएगा तत्काल निलंबित
बताया जा रहा है कि एक आंतरिक जाँच शुरू कर दी गई है और क्षेत्रीय अधिकारियों को निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अपने विशेष अभियान बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। मिलावट का दोषी पाए जाने वाले किसी भी लाइसेंसधारी को तत्काल निलंबित किया जाएगा और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।’ अब तक आबकारी अधिकारियों द्वारा पांच मामले दर्ज किए गए हैं और जैसे-जैसे जांच जारी है, ताड़ी में मिलावट की बात याद दिलाती है कि नियामक सतर्कता में चूक के कितने घातक परिणाम हो सकते हैं।
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