विजयवाड़ा। माओवादी शीर्ष नेता कमलेश के साथ कई प्रमुख माओवादियों ने आज आंध्र प्रदेश के डीजीपी (Andhra Pradesh DG) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद (Arms and Ammunition) बरामद किया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में पार्टी के शीर्ष नेता भी शामिल थे। वरिष्ठ माओवादी जोरिगे नागराजू उर्फ कमलेश, 34 वर्षों से अधिक समय से माओवादी पार्टी में कार्यरत हैं, और उनकी पत्नी अरुणा उर्फ मेडका ज्योतिश्वरी कृष्णा जिले के दोनों माओवादियों ने शनिवार को डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
कमलेश वर्तमान में पूर्वी बस्तर संभागीय समिति के प्रभारी के रूप में कार्यरत
मौजूदा समय में कमलेश वर्तमान में पूर्वी बस्तर संभागीय समिति के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं और दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में एसजेडसीएम के पद पर हैं।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह महसूस करने के बाद आत्मसमर्पण किया कि माओवादी पार्टी की विफलताओं और केंद्रीय समिति की नीतियों के कारण उनकी विचारधारा अब प्रचलन में नहीं रहेगी। उनकी पत्नी अरुणा, जो मोबाइल एकेडमिक पॉलिटिकल ऑर्गनाइजेशन स्कूल की प्रभारी के रूप में काम करती हैं। वह पार्टी की विफलताओं से निराश बताई जाती हैं।
कमलेश पर आंध्र प्रदेश में 20 लाख रुपये और अरुणा पर 5 लाख रुपये का इनाम
अधिकारियों ने खुलासा किया कि कमलेश पर आंध्र प्रदेश में 20 लाख रुपये और अरुणा पर 5 लाख रुपये का इनाम था। डीजीपी ने तत्काल राहत के रूप में आत्मसमर्पण करने वाले दंपति को 20-20 हजार रुपये के चेक सौंपे।अधिकारियों ने पिछले हफ्ते अल्लूरी सीताराम राजू जिले में ऑपरेशन टीमों द्वारा बरामद किए गए हथियार आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता को दिखाए। कुल 18 हथियार जब्त किए गए। सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर एके-47, 2 बीजीएल, 5 एसएलआर, 2 इंसास राइफल, 606 जिंदा राउंड, 37 किलोग्राम कार्डेक्स तार और अन्य उपकरण जब्त किए गए।
डीजीपी ने आत्मसमर्पण करने वाले मदकम देवा उर्फ भगत सहित 13 यूजी कैडरों को 22 लाख रुपये के चेक सौंपे
पुलिस महानिदेशक ने हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले मदकम देवा उर्फ भगत (डिविजनल कमेटी सदस्य) सहित 13 यूजी कैडरों को 22 लाख रुपये के चेक सौंपे। पिछले एक साल में, विभिन्न पदों पर आत्मसमर्पण करने वाले 48 माओवादियों को कुल 64 लाख रुपये का इनाम दिया गया। इस अवसर पर बोलते हुए, डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने कहा कि हाल ही में आंध्र प्रदेश में पाँच मुठभेड़ की घटनाएँ हुईं, जिनमें केंद्रीय समिति सदस्य उदय, राज्य समिति सदस्य अरुणा, जगन और संभागीय समिति सचिव रमेश सहित छह माओवादी मारे गए। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास से आठ हथियार भी जब्त किए गए हैं।
सात माओवादियों को गिरफ्तार, आत्मसमर्पण किया
उन्होंने बताया कि सात माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चालीस माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। डीजीपी ने माओवादी श से आत्मसमर्पण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पुलिस विभाग आत्मसमर्पण नीति के अनुसार उनके आत्मसमर्पण में सहयोग करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन पर इनाम के अलावा, उन्हें आवास और रोज़गार के अवसर भी प्रदान किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों में माओवादी पार्टी में आंध्र प्रदेश के बीस स्थानीय लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से पाँच एसजेडसीएम (एनएसएस) के पद पर हैं।
माओवादी से आप क्या समझते हैं?
माओवादी (Maoist) उस विचारधारा या आंदोलन को कहते हैं जो चीन के कम्युनिस्ट नेता माओ ज़े-तुंग (Mao Zedong) के सिद्धांतों पर आधारित है।
नक्सलवाद और माओवाद में क्या अंतर है?
नक्सलवाद एक भारतीय आंदोलन है जिसकी जड़ें स्थानीय समस्याओं में हैं, जबकि माओवाद एक वैश्विक विचारधारा है जिसे भारत में अपनाया गया है।
माओवादी नेता कौन थे?
- कानू सान्याल (Kanu Sanyal)
- नक्सलवादी आंदोलन के संस्थापकों में से एक।
- उन्होंने बाद में हिंसा का विरोध किया।
- चारु मजूमदार (Charu Majumdar)
- नक्सलबाड़ी आंदोलन के वैचारिक नेता।
- माओ की विचारधारा को भारत में फैलाने वाले प्रमुख चेहरों में से एक।
- कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी
- माओवादी आंदोलन के प्रमुख सशस्त्र नेताओं में से थे।
- 2011 में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए।
- गणपति (Muppala Lakshmana Rao)
- भाकपा (माओवादी) के महासचिव रहे।
- वर्षों तक माओवादी संगठन का नेतृत्व किया।
- नंबाला केशव राव (Basu/Nambala Keshava Rao)
- वर्तमान में (2024 तक) माओवादियों के शीर्ष नेता माने जाते हैं।
Read also: Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर में प्रयुक्त हथियार प्रणालियों पर कार्यशाला