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Trade: भारत-ईयू के बीच व्यापार वार्ता तेज

Dhanarekha
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Trade: भारत-ईयू के बीच व्यापार वार्ता तेज

अमेरिकी टैरिफ से बचाव की रणनीति

नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका के 50% टैरिफ के असर को कम करने के लिए फ्री ट्रेड(Trade) एग्रीमेंट की कोशिशें तेज कर दी हैं। 8 सितंबर को यूरोपियन यूनियन(European Union) की टीम दिल्ली पहुंची, जहां आने वाले दिनों में व्यापार(Trade) समझौते पर बातचीत होगी। कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल(Piyush Goyal) 12 सितंबर को ईयू ट्रेड(Trade) कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता भारत के लिए नए अवसर खोलेगा, लेकिन घरेलू उद्योगों की सुरक्षा चुनौती होगी

यूरोप और अन्य देशों से बढ़ते समझौते

भारत-ईयू व्यापार(Trade) 2023-24 में 137.41 अरब डॉलर तक पहुंचा। नई डील से यह और आगे बढ़ने की संभावना है। ऊर्जा क्षेत्र में कतर के साथ होने वाला समझौता भी अहम होगा, वहीं चिली, पेरू और न्यूजीलैंड से बातचीत तेज है। इन समझौतों से भारत वैश्विक सप्लाई चेन में अधिक मजबूत स्थिति बना सकता है।

पिछले वर्षों में भारत ने UAE, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और ब्रिटेन जैसे देशों से भी समझौते किए। 2021 में भारत-मॉरीशस समझौता, 2022 में भारत-UAE CEPA और 2024 में भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA हुए। 2025 में भारत-ब्रिटेन CETA पर सहमति बनी, लेकिन यह अभी लागू नहीं हो सका है।

अमेरिकी टैरिफ और भारतीय निर्यात

अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी है। इससे रेडीमेड गारमेंट्स और होम टेक्सटाइल सेक्टर पर असर पड़ने की आशंका है। केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार 2026 तक भारत के टेक्सटाइल निर्यात में 9-10% की गिरावट आ सकती है, जिससे कंपनियों के मुनाफे पर सीधा असर पड़ेगा।

हालांकि भारत सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए कई कदम उठाए हैं। कॉटन पर 10% इंपोर्ट ड्यूटी 31 दिसंबर 2025 तक हटा दी गई है। सरकार 40 देशों में विशेष कार्यक्रमों और एक्सपोर्ट इंसेंटिव्स के जरिए भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है।

सरकार की रणनीति और नए अवसर

क्रुणाल मोदी के मुताबिक, नुकसान की भरपाई कॉटन यार्न और फैब्रिक के निर्यात से हो सकती है। बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के पास बैकवर्ड इंटीग्रेशन की कमी है, जबकि भारत इस मोर्चे पर मजबूत है। इसके अलावा भारत-यूके FTA और संभावित ईयू समझौता घरेलू निर्यातकों को नए बाजार देगा।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है, जो कुल टेक्सटाइल निर्यात का लगभग 28-29% हिस्सा रखता है। 2024 में भारत ने अमेरिका को कुल निर्यात का 90% कॉटन-बेस्ड होम टेक्सटाइल और कपड़ों के रूप में किया। अमेरिका के बाद बांग्लादेश, यूके, यूएई और जर्मनी भारत के प्रमुख निर्यात गंतव्य हैं।

भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से क्या लाभ होगा?

भारत-ईयू FTA से निर्यातकों को यूरोप के बड़े बाजार तक सीधी पहुंच मिलेगी। इससे टेक्सटाइल, ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लाभ की संभावना है। इसके साथ ही भारत वैश्विक सप्लाई चेन में अहम स्थान बना सकता है।

अमेरिका के टैरिफ का भारतीय उद्योगों पर क्या असर पड़ेगा?

अमेरिकी टैरिफ से टेक्सटाइल एक्सपोर्ट घट सकता है और मुनाफे में कमी आ सकती है। फिर भी भारत सरकार वैकल्पिक बाजारों, इंसेंटिव्स और नए समझौतों के जरिए इसका असर कम करने की कोशिश कर रही है।

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