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Sawan Purnima 2025: शनि की राशि में चंद्रमा का गोचर

Surekha Bhosle
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Sawan Purnima 2025: शनि की राशि में चंद्रमा का गोचर

ज्योतिष के अनुसार कुछ राशियों के लिए रहेगा यह समय चुनौतीपूर्ण

सावन की पूर्णिमा (Sawan Purnima) का दिन धार्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही ज्योतिषीय दृष्टि से भी। इस बार चंद्रमा शनि की राशि मकर (Zodiac sign Capricorn) में रहेगा, जिससे कुछ राशियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है

चंद्रमा और शनि का संयोग

चंद्रमा मन का कारक होता है, जबकि शनि कर्म और अनुशासन का। जब ये दोनों एक साथ आते हैं तो भावनात्मक असंतुलन, तनाव, और विलंबित निर्णय की स्थिति बन सकती है।

Sawan Purnima : सावन पूर्णिमा 9 अगस्त को है। इस दिन मन के कारक ग्रह चंद्रमा शनि की राशि में विराजमान रहेंगे। इसके चलते किन राशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, आइए जानते हैं।

Sawan Purnima: सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त 2025 को है। हालांकि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 8 अगस्त की दोपहर से हो जाएगा लेकिन उदयातिथि के अनुसार सावन पूर्णिमा 9 अगस्त को ही मानी जाएगी। इस दिन चंद्रमा का संचार मकर राशि में होगा और देर रात को चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। ये दोनों ही राशियां शनि ग्रह की हैं। पूर्णिमा के दिन शनि की राशि में चंद्रमा की स्थिति कुछ लोगों के जीवन में चुनौतियां पैदा कर सकती है। आज हम आपको इन्हीं राशियों के बारे में जानकारी देंगे। 

इन 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

1. कर्क राशि

  • पारिवारिक मामलों में तनाव
  • नींद की कमी और मानसिक बेचैनी
  • सलाह: ध्यान और संयम रखें

2. तुला राशि

  • कार्यस्थल पर चुनौतियां
  • वरिष्ठों से टकराव की संभावना
  • सलाह: धैर्य रखें और वाणी पर नियंत्रण रखें

3. मकर राशि

  • चंद्रमा और शनि की युति आपकी ही राशि में
  • निर्णय लेने में भ्रम या देरी
  • सलाह: बड़े निर्णय कुछ दिनों के लिए टालें

सावन की पूर्णिमा कब है?

आइए जानते हैं सावन पूर्णिमा की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पुजाविधि और उपाय… सावन पूर्णिमा डेट- पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार 9 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। सावन पूर्णिमा व्रत- सावन पूर्णिमा व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा।

श्रावण पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?

क्योंकि सावन माह शिवजी का प्रिय माह है और भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने सिर पर सुशोभित किया है. साथ ही सावन पूर्णिमा के दिन शिव पूजन, श्रीहरि पूजा, श्रावणी उपकर्म, रक्षाबंधन, स्नान-दान, सत्यनारायण पूजा जैसे धार्मिक कार्य भी होते हैं, जिससे इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

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