अल्पसंख्यकों से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान माहौल गर्माया
Kolkata : पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज का सत्र काफी उत्तेजनापूर्ण रहा। अल्पसंख्यकों से जुड़े एक महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा के दौरान (BJP) विधायकों ने जोरदार विरोध किया, जिसके चलते सदन में अफरातफरी का माहौल बन गया।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (Kolkata) विधानसभा में बुधवार को उस वक्त जबरदस्त हंगामा हुआ, जब बीजेपी और टीएमसी विधायक आपस में भिड़ गए। मामला अल्पसंख्यकों से जुड़े एक बिल पर चर्चा के दौरान शुरू हुआ। हंगामे की वजह से विधानसभा स्पीकर को मार्शल बुलाने पड़े। इस दौरान बीजेपी के चीफ व्हिप शंकर घोष को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। उनके अलावा बीजेपी के 4 और विधायकों को भी सस्पेंड कर दिया गया। हंगामे के बीच शंकर घोष की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता दी गई।
BJP के 5 विधायक निलंबित
अध्यक्ष ने अनुशासनहीनता के चलते उठाया सख्त कदम- हंगामे के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित करने और नियमों की अनदेखी करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष ने BJP के 5 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है।
इन विधायकों को किया सस्पेंड-
1. बंकिम घोष
2. अशोक डिंडा
3. अग्निमित्र पाल
4. शंकर घोष
5. मिहिर गोस्वामी
ममता बनर्जी का बीजेपी पर हमला
Kolkata : हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विधानसभा में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बीजेपी को ‘वोट चोरों की पार्टी’ करार दिया और कहा, ‘बीजेपी देश के लिए एक कलंक है। ये लोग बंगाली भाषा और बंगाल की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं। बंगाल के लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपना खून बहाया था, तब बीजेपी का जन्म भी नहीं हुआ था।’
ये लोग बंगालियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं’
ममता ने बीजेपी पर बंगाल और बंगालियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘ये लोग बंगालियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं। संसद में हमने देखा कि कैसे बीजेपी ने हमारे सांसदों को CISF के जरिए परेशान किया। मैं कहती हूं, एक दिन आएगा जब बंगाल की जनता बीजेपी को वोट नहीं देगी और विधानसभा में इनका एक भी विधायक नहीं बचेगा।’
बीजेपी ने भी किया पलटवार
बीजेपी विधायकों ने ममता के बयानों का जोरदार विरोध किया, जिसके चलते विधानसभा में माहौल और गर्म हो गया। BJP ने TMC पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का आरोप लगाया और कहा कि ममता बनर्जी बंगाल की जनता को गुमराह कर रही हैं। हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। शंकर घोष की तबीयत बिगड़ने की खबर ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। टीएमसी और बीजेपी के बीच यह तकरार आगे और भी बढ़ने के पूरे आसार हैं।
1 सांसद के बराबर कितने विधायक होते हैं?
संविधान में व्यवस्था है कि सदन की अधिकतम सदस्य संख्या 550 होगी – 530 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे, 20 सदस्य संघशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करेंगे । वर्तमान में सदन की सदस्य संख्या 543 है। लोकसभा का कार्य काल, यदि इसे भंग न किया जाए, इसकी प्रथम बैठक के लिए नियुक्त तिथि से पांच वर्ष है।
भारत में कुल कितनी विधानसभाएं हैं?
22 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एक सदनीय विधायिका है जो एकमात्र विधायी निकाय है। छह राज्यों में, विधान सभा उनके द्विसदनीय विधायिका का निचला सदन है, जबकि ऊपरी सदन राज्य विधान परिषद है। पाँच केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार द्वारा शासित होते हैं और उनमें कोई विधायी निकाय नहीं है।
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