Trump ने टैरिफ को बताया ‘खूबसूरत’, बोले- यह एक तरह की दवा है, कड़वे घूंट पीने पड़ते हैं
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने टैरिफ नीति को “खूबसूरत” बताते हुए कहा कि यह एक तरह की दवा की तरह है, जो भले ही कड़वी हो, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी है।
टैरिफ को लेकर Trump का नजरिया
ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि, “टैरिफ एक ऐसा औजार है, जिसे सही समय पर इस्तेमाल किया जाए तो यह चमत्कारी परिणाम दे सकता है।” उन्होंने अपनी पिछली सरकार के दौरान चीन और अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ का हवाला देते हुए कहा कि इन कदमों ने अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग और नौकरियों की सुरक्षा की।

उन्होंने आगे जोड़ा, “टैरिफ एक कड़वी दवा की तरह है, जो शुरुआती तौर पर थोड़ी असहजता देती है, लेकिन दीर्घकाल में इसका फायदा होता है।”
क्यों जरूरी हैं टैरिफ?
Trump का तर्क है कि टैरिफ लगाने से विदेशी कंपनियों के मुकाबले घरेलू उत्पादों को बढ़ावा मिलता है। इससे देश में उत्पादन और रोजगार दोनों में वृद्धि होती है। उन्होंने दावा किया कि यदि टैरिफ का दायरा और विस्तार किया जाए, तो अमेरिका आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ सकता है।
टैरिफ नीतियों का एक और फायदा यह है कि वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार असंतुलन को संतुलित करने में सहायक होती हैं। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को वर्षों से व्यापार घाटा झेलना पड़ा है, और टैरिफ इसी घाटे को कम करने का प्रभावी तरीका है।
आलोचकों की प्रतिक्रिय
हालांकि, ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर कई आलोचक भी हैं। उनका मानना है कि इससे उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं, और अंततः इसका असर आम नागरिकों पर पड़ता है। इसके अलावा, व्यापार युद्ध जैसी स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, “अगर कोई देश हमें नुकसान पहुंचा रहा है और हमारी कंपनियों को बर्बाद कर रहा है, तो हमें चुप नहीं बैठना चाहिए। टैरिफ एक हथियार है, और हम उसका इस्तेमाल करेंगे।”

वैश्विक प्रभाव
ट्रंप के बयानों के बाद वैश्विक बाजारों में हलचल देखी गई है। कई देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं तो वैश्विक व्यापार संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है। विशेष रूप से चीन, मेक्सिको और यूरोपीय संघ के देशों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टैरिफ से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर बहस जारी है। जहां एक ओर वे इसे देश की आर्थिक मजबूती का जरिया मानते हैं, वहीं दूसरी ओर इसकी आलोचना भी कम नहीं हो रही है।
फिर भी, यह बात तो स्पष्ट है कि टैरिफ एक दोधारी तलवार है। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह लाभदायक हो सकता है, लेकिन गलत नीति देश की आर्थिक स्थिरता को भी हिला सकती है।
इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में Trump अपनी टैरिफ रणनीति को किस तरह से पेश करते हैं और अमेरिकी जनता इसे किस रूप में लेती है। एक बात तो तय है—टैरिफ को लेकर उनकी सोच और बयानबाजी आने वाले समय में वैश्विक व्यापार राजनीति का अहम हिस्सा बनी रहेगी।