Trump Card पाकिस्तान US का मोहरा न बने- ईरान का बयान
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत में तैनात ईरानी मिशन के डिप्टी चीफ मोहम्मद जवाद होसेनी ने पाकिस्तान और अमेरिका को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि “हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान अमेरिका का ‘Trump Card’ बनकर इस संघर्ष में शामिल नहीं होगा।”
ईरानी डिप्लोमैट का बयान क्यों है अहम?
- मोहम्मद जवाद होसेनी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब पश्चिमी एशिया में ईरान-इजरायल टकराव की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
- भारत में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कुछ वैश्विक शक्तियां क्षेत्र को अस्थिर करना चाहती हैं,
- और पाकिस्तान को इस साजिश का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।

Trump Card शब्द का संकेत क्या है?
- ‘Trump Card’ शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर किसी छिपे हुए या निर्णायक हथियार के लिए किया जाता है।
- ईरानी डिप्लोमैट का आशय यह है कि अमेरिका पाकिस्तान को क्षेत्रीय टकराव में कूटनीतिक या सामरिक उपकरण की तरह इस्तेमाल कर सकता है।
पाकिस्तान की भूमिका पर उठे सवाल
- हाल के दिनों में पाकिस्तान ने ईरान-इजरायल युद्ध पर कोई स्पष्ट पक्ष नहीं लिया है,
- लेकिन अमेरिका के साथ उसकी सामरिक साझेदारी को लेकर संदेह बढ़ा है।
- ईरान पहले भी पाकिस्तान के बलोच सीमा क्षेत्रों में हुई कार्रवाइयों को लेकर नाराज़गी जताता रहा है।
भारत की भूमिका की भी तारीफ
- मोहम्मद जवाद होसेनी ने भारत की तटस्थ और संतुलित कूटनीति की सराहना की और कहा कि भारत इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
- उन्होंने भारत को एक “Responsible Regional Power” बताया।

ईरान की रणनीति क्या है?
- ईरान इस समय राजनयिक चैनलों के माध्यम से तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है।
- लेकिन साथ ही वह स्पष्ट कर चुका है कि अगर कोई तीसरा पक्ष युद्ध में कूदता है,
Trump Card जैसे शब्द का प्रयोग कर ईरान ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उसे अमेरिका और पाकिस्तान की नज़दीकियों पर गहरा संदेह है। डिप्टी चीफ मोहम्मद जवाद होसेनी का यह बयान कूटनीतिक स्तर पर भारत, पाकिस्तान और अमेरिका तीनों के लिए अहम संदेश लेकर आया है।
अब देखना यह होगा कि इस बयान के बाद दक्षिण एशिया की राजनीति क्या मोड़ लेती है।