Trump Decision ईरान पर हमला या बातचीत? तय होगा जल्द
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार Donald Trump Decision ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अगले दो हफ्तों के भीतर यह तय करेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच Trump का यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर रहा है।
ट्रम्प का निर्णय पर टिकी दुनिया की निगाहें
Trump ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दो हफ्तों के भीतर इस मुद्दे पर निर्णायक रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सैन्य हमला ही एकमात्र विकल्प नहीं है—बातचीत के रास्ते भी खुले हैं।
- उन्होंने कहा कि “अगर बातचीत की संभावना बनी रहती है तो हम पहले उसे प्राथमिकता देंगे।”
- हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ईरान पीछे नहीं हटा तो सैन्य कार्रवाई की तैयारी पूरी है।

Trump Decision का केंद्र: फारडो परमाणु केंद्र
इस पूरे घटनाक्रम में ईरान का Fordow Nuclear Facility सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट है कि ईरान वहां उच्च स्तर की यूरेनियम संवर्धन कर रहा है।
- माना जा रहा है कि Trump का हमला हुआ तो पहला निशाना यही केंद्र होगा।
- Fordow एक भूमिगत और अत्यंत सुरक्षित परमाणु ठिकाना है, जिसे पारंपरिक हमलों से नष्ट करना मुश्किल है।
बातचीत की आस भी बाकी
हालांकि, Trump Decision अभी पूरी तरह से सैन्य कार्रवाई की ओर नहीं झुका है। अमेरिका और यूरोपीय देश (UK, France, Germany) जिनेवा में ईरान से परमाणु मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं।
- Trump उम्मीद कर रहे हैं कि बातचीत के ज़रिए ईरान परमाणु संवर्धन को रोके।
- अगर यह पहल सफल होती है, तो हमला टल सकता है।

Trump Decision का असर क्या होगा?
अगर दो हफ्तों के भीतर Trump ने हमला करने का निर्णय लिया:
- मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ेगा
- तेल की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है
- अमेरिका की सैन्य भागीदारी फिर से बड़े स्तर पर शुरू हो सकती है
वहीं अगर बातचीत सफल रही:
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति का संकेत जाएगा
- अमेरिका और ईरान के रिश्तों में सुधार की उम्मीद बढ़ेगी
- बाइडन प्रशासन की कूटनीति को चुनौती देने वाला Trump का रुख नरम हो सकता है
Trump Decision अब सिर्फ अमेरिका नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम बन गया है। ईरान पर हमला होगा या नहीं—यह फैसला आने वाले हफ्तों में पश्चिम एशिया की दिशा तय करेगा।