ट्रंप खाड़ी देशों दौरा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार, 13 मई को अपने खाड़ी दौरे के पहले चरण में सऊदी अरब (Saudi Arabia) पहुंचे। इसके बाद वे कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का रुख करेंगे। यह प्रस्थान उनके दूसरे कार्यकाल की पहली बड़ी विदेश प्रस्थान है। व्हाइट हाउस ने इस दौरे को “ऐतिहासिक वापसी” कहा है।
ट्रंप ने एक बार फिर सऊदी अरब को अपनी प्राथमिकता बनाकर रूढ़िवादी पश्चिमी सहयोगियों को पीछे छोड़ दिया है। इससे साफ है कि उनका फोकस कारोबारी समझौतों और खाड़ी देशों की बदलती भू-राजनीतिक भूमिका पर है।
कारोबारी समझौता और निवेश ट्रंप की प्राथमिकता
ट्रंप खाड़ी देशों दौरा: व्हाइट हाउस सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप की यह प्रस्थान मुख्य रूप से कारोबारी समझौतों पर केंद्रित होगी। अटलांटिक काउंसिल के डैनियल शापिरो के अनुसार, ट्रंप ‘डील मेकिंग’ पर खास जोर देंगे।
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले ही अमेरिका में 600 अरब डॉलर निवेश करने का घोषणा कर चुके हैं। ट्रंप ने इसके जवाब में कहा कि वे इस निवेश को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए प्रिंस से आग्रह करेंगे।
रक्षा सौदे भी एजेंडे में सम्मिलित
सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि रियाद अमेरिका से अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियां और एफ-35 लड़ाकू विमान हासिल करने पर जोर देगा। यह सौदा ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पूरा करने की शर्त रखी गई है।
इसका उद्देश्य न केवल प्रादेशिक सुरक्षा को दृढ़ करना है, बल्कि ईरान के साथ तनाव के मद्देनजर अमेरिका-सऊदी सैन्य सहयोग को बढ़ाना भी है।