नई दिल्ली। पाकिस्तान ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान 10 मई को भारत के साथ किए गए संघर्षविराम की असल सच्चाई को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए इसे पूरी तरह से द्विपक्षीय बताया है। जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा मामले को लेकर दोनों देशों के बीच दर्जनों बार मध्यस्थता कराने के दावे की पोल खुल गई है। पाकिस्तान की तरफ से यह कबूलनामा किसी और ने नहीं बल्कि खुद विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने किया है।
भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को ठुकराया
एक विदेशी मीडिया (Foriegn Media) को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि संघर्षविराम को लेकर जारी बातचीत में भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया। अमेरिका की तरफ से हालांकि इसके लिए एक प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन वो भारत ही था, जिसने इस मामले को पूरी तरह से द्विपक्षीय रखने पर जोर दिया।
अमेरिका के विदेश मंत्री ने भी दी थी स्पष्टता
डार ने ये भी कहा कि जब इस्लामाबाद ने ट्रंप की मध्यस्थता की इच्छा को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के समक्ष रखा तो उन्होंने दो टूक लहजे में हमें स्पष्ट कर दिया कि नई दिल्ली केवल द्विपक्षीय आधार पर ही बातचीत के पक्ष में है। भारत ने पूर्व में ही कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति के संघर्षविराम के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय आधार पर हुआ था।
डीजीएमओ बातचीत से हुआ संघर्षविराम
दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हॉटलाइन पर हुई बातचीत के बाद संघर्षविराम हुआ। पाक के विदेश मंत्री के मुताबिक, हमें इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी से कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि यह मुद्दा केवल द्विपक्षीय रहेगा।
व्यापक वार्ता पर जोर
डार ने कहा कि पाकिस्तान ने इस दौरान आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दों पर व्यापक स्तर पर संवाद की इच्छा जताई थी।
भारत से बातचीत के लिए तैयार पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री के मुताबिक, 10 मई की सुबह करीब 8 से 8.20 के बीच वाशिंगटन की तरफ से विदेश मंत्री रुबियो की ओर से संघर्षविराम का एक प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन बाद में अमेरिका ने साफ कर दिया कि भारत इसे द्विपक्षीय मामला मानता है। डार ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसी के सामने भीख नहीं मांगेगा। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है और बातचीत ही आगे का रास्ता है।
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