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Trump की Iran को नई चेतावनी: परमाणु ठिकानों पर हमले की धमकी!

Vinay
Vinay
Trump की Iran को नई चेतावनी: परमाणु ठिकानों पर हमले की धमकी!

31 मई 2025,
वाशिंगटन/तेहरान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की नई धमकी दी, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा, “अगर ईरान अगले 48 घंटों में हमारे परमाणु समझौते के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता, तो हम उनके परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए तैयार हैं। यह बमबारी ऐसी होगी, जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।”


क्या है ट्रम्प के बयान मायने?


यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और ईरान के बीच ओमान और इटली में पांच दौर की परमाणु वार्ताएँ हो चुकी हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि वह एक “मजबूत और सत्यापित” परमाणु समझौते के करीब हैं, जिसमें अमेरिकी निरीक्षकों को ईरान के परमाणु ठिकानों तक “असीमित पहुंच” मिलेगी। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि ईरान परमाणु हथियार की दौड़ से बाहर रहे। अगर वे सहमत नहीं होते, तो हमारे पास सैन्य विकल्प तैयार है।”

ईरान की तीखी प्रतिक्रिया

ईरान ने ट्रम्प की धमकी को “खुली शत्रुता” करार दिया। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने तेहरान में कहा, “अमेरिका की धमकियाँ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं। अगर हमारे परमाणु ठिकानों पर कोई हमला होता है, तो ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा, और क्षेत्र में अमेरिकी और इज़रायली ठिकाने सुरक्षित नहीं रहेंगे।” ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर होसैन सलामी ने भी चेतावनी दी, “हमारी मिसाइलें तैयार हैं। कोई भी हमला हमें और मजबूत बनाएगा।”

इज़रायल की भूमिका

इस बीच, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की तैयारियों की खबरों को हवा दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायल ने मई 2025 में ही हमले की योजना बनाई थी, लेकिन ट्रम्प के अनुरोध पर इसे रोका गया। ट्रम्प ने नेतन्याहू से कहा कि वह कूटनीति को मौका दें, लेकिन नेतन्याहू ने संकेत दिया कि अगर ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद नहीं करता, तो इज़रायल एकतरफा कार्रवाई कर सकता है।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

सऊदी अरब: सऊदी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर ईरान से परमाणु समझौते को गंभीरता से लेने को कहा। सऊदी अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर युद्ध छिड़ता है, तो यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है।
यूरोपीय संघ: यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, “परमाणु समझौता ही एकमात्र रास्ता है जो युद्ध को रोक सकता है।”
रूस और चीन: दोनों देशों ने ट्रम्प की धमकी की निंदा की और कहा कि सैन्य कार्रवाई क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। रूस के विदेश मंत्रालय ने इसे “अमेरिकी साम्राज्यवादी नीति” का हिस्सा बताया।

परमाणु वार्ता की स्थिति

हाल की वार्ताओं में अमेरिका ने मांग की है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन को पूरी तरह बंद करे, जबकि ईरान ने इसे “अस्वीकार्य” बताया है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा, “हमारा परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, और हम अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे।” सूत्रों के अनुसार, अगले दौर की बातचीत जून 2025 के पहले सप्ताह में रोम में हो सकती है, लेकिन ट्रम्प की नई धमकी ने इसे और जटिल कर दिया है।

क्या हो सकते है इसके परिणाम

विश्लेषकों का मानना है कि अगर बातचीत विफल होती है, तो इज़रायल या अमेरिका द्वारा हमले की संभावना बढ़ सकती है। ईरान की कासिम बसीर बैलिस्टिक मिसाइल, जो 1,200 किमी तक निशाना लगा सकती है, और उसके क्षेत्रीय सहयोगी (जैसे हिज़बुल्लाह और हूती विद्रोही) युद्ध को और भयावह बना सकते हैं। इससे तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।


ट्रम्प की ताज़ा धमकी ने मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। हालांकि, कूटनीति के लिए अभी समय है, लेकिन दोनों पक्षों के सख्त रुख ने स्थिति को नाजुक बना दिया है। दुनिया की निगाहें अब रोम में होने वाली अगली वार्ता पर टिकी हैं, जो क्षेत्रीय शांति के लिए निर्णायक हो सकती है

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