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Ukraine: यूक्रेन को सुरक्षा देगा नया गठबंधन

Dhanarekha
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Ukraine: यूक्रेन को सुरक्षा देगा नया गठबंधन

26 देशों ने दी बड़ी जिम्मेदारी

पेरिस: यूक्रेन(Ukraine) को लेकर दुनिया के कई बड़े देशों ने नया फैसला किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों(Emmanuel Macron) ने बताया कि 26 यूरोपीय देश यूक्रेन(Ukraine) को पोस्ट-वार सुरक्षा गारंटी देंगे। इसके लिए यूक्रेन बॉर्डर पर इंटरनेशनल फोर्स तैनात की जाएगी। राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने इस पहल को ऐतिहासिक बताया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प(Trump) से भी सहयोग मांगा

गठबंधन का विस्तार और अमेरिकी भूमिका

मैक्रों ने कहा कि इस फैसले से भविष्य में किसी बड़े हमले को रोका जा सकेगा। कुछ देश यूक्रेनी सेना को प्रशिक्षण और हथियारों की आपूर्ति करेंगे। हालांकि, सैनिकों की संख्या और हिस्सेदारी वाले देशों की सूची साफ नहीं की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि समर्थन देने वाले देशों की संख्या आगे बढ़ सकती है। वहीं, अमेरिका की भागीदारी को लेकर अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा। इस बैठक में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश भी शामिल हुए।

यूरोप की चिंता और ट्रम्प का प्रभाव

यूरोपीय अधिकारियों ने माना कि यूक्रेन(Ukraine) में शांति अभी दूर है, लेकिन वे आपातकालीन हालात से निपटने के लिए तैयार रहना चाहते हैं। उनका मानना है कि इस तरह के सहयोग से यूक्रेन को भरोसा मिलेगा।

ट्रम्प ने हाल ही में अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, लेकिन सीजफायर को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। यूरोपीय देशों को आशंका है कि ट्रम्प कहीं रूस के दबाव में यूक्रेन को झुकने पर मजबूर न करें।

रूस के कब्जे और यूक्रेन का रुख

रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क और लुहांस्क जैसे क्षेत्र शामिल हैं। पुतिन इन्हें रूस का हिस्सा मानते हैं और छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

जेलेंस्की ने साफ कहा कि यूक्रेन अपनी जमीन का कोई हिस्सा नहीं छोड़ेगा। उन्होंने ट्रम्प और अन्य नेताओं के सामने बिना शर्त युद्धविराम की मांग की और कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता।

क्या 26 देशों की सुरक्षा गारंटी से जंग रुक सकती है?

यह पहल यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा कवच दे सकती है, लेकिन रूस अपने कब्जाए गए क्षेत्रों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह कदम केवल सैन्य और राजनीतिक संतुलन बनाने में मदद कर सकता है।

रूस और ट्रम्प की मुलाकात से क्या बदला?

अलास्का बैठक में दोनों नेताओं ने बातचीत की, पर सीजफायर पर सहमति नहीं बनी। रूस ने अपने कब्जाए गए क्षेत्रों को छोड़ने से इनकार कर दिया, जबकि ट्रम्प ने केवल संवाद जारी रखने की बात कही।

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