UN में भारत संग आतंकवाद पर चर्चा, पहलगाम हमला मुद्दा
भारत और UN के बीच गहन वार्ता
संयुक्त राष्ट्र (UN) में AntiTerrorCooperation को लेकर भारत के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें वैश्विक आतंकवाद के बढ़ते खतरे और उसके समाधान पर गंभीर चर्चा हुई। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र के उच्च प्रतिनिधियों ने भारत के साथ गहरी संवेदना व्यक्त की और इस प्रकार की घटनाओं की कड़ी निंदा की।
पहल्गाम हमले पर शोक और चिंता
संयुक्त राष्ट्र ने PahalgamAttack को मानवता के खिलाफ बताया और आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों की सराहना की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव कार्यालय ने कहा कि इस दुखद घटना में मारे गए नागरिकों और जवानों के परिजनों के प्रति वे संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही, इस तरह के हमलों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता दोहराई गई।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक रणनीति
बैठक में आतंकवाद से निपटने के लिए निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई:
- आतंकियों की फंडिंग रोकने के उपाय
- सीमापार से हो रहे आतंकवाद पर वैश्विक एक्शन
- आधुनिक निगरानी तकनीकों के उपयोग
- गुप्तचर सूचनाओं का साझाकरण
- कट्टरता को रोकने के लिए शिक्षा व जागरूकता
UNIndia सहयोग अब इन सभी क्षेत्रों में और अधिक सशक्त किया जाएगा।
भारत की भूमिका और रुख
भारत ने इस अवसर पर एक बार फिर दोहराया कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार से समर्थन देना मानवता के खिलाफ अपराध है। भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आज भी आतंकवाद को राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय शांति को खतरा बना हुआ है।

सुरक्षा परिषद में भारत की मांगें
भारत ने UNSecurityCouncil में निम्नलिखित मांगें रखीं:
- आतंकियों की सूची में तेजी से संशोधन
- आतंक से जुड़ी गतिविधियों पर मजबूत प्रतिबंध
- सदस्य देशों को सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य करना
इस बैठक से संकेत मिलता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ केवल अपनी सीमाओं में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अधिक आक्रामक भूमिका निभा रहा है।
AntiTerrorCooperation के क्षेत्र में भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग की यह नई पहल आने वाले समय में सुरक्षा के वैश्विक ढांचे को और मजबूत बना सकती है। पहल्गाम जैसे हमले यह दर्शाते हैं कि आतंकवाद आज भी गंभीर खतरा बना हुआ है, और इससे लड़ने के लिए केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा।