यूएन रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अपनी हालिया रिपोर्ट ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं – 2025 के मध्य तक’ में हिन्दुस्तान की आर्थिक स्थिति पर व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया है। प्रतिवेदन के मुताबिक, 2025 में भारत की GDP विकास दर घटकर 6.3% हो सकती है, जो कि जनवरी 2025 में अनुमानित 6.6% से कम है।
GDP ग्रोथ में हल्की गिरावट, लेकिन हिन्दुस्तान अब भी शीर्ष पर
यूएन रिपोर्ट के मुताबिक:
- 2024 में हिन्दुस्तान की जीडीपी ग्रोथ 7.1% थी
- 2025 में यह घटकर 6.3% हो सकती है
इसके बावजूद, हिन्दुस्तान को दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना गया है।
मुद्रास्फीति दर में राहत का भरोसा
प्रतिवेदन में कहा गया है कि:
- पिछले साल में मुद्रास्फीति दर 4.9% रहने का अंदाजा है
- 2025 में यह 4.3% हो सकती है
यह दर RBI के 2-6% के लक्षित दायरे में है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।

वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत मजबूत
UN ने प्रतिवेदन में कहा कि:
- वैश्विक व्यापार तनाव
- नीतिगत अनिश्चितता
- उत्पादन लागत में विकास
- वित्तीय दबाव
इन चुनौतियों के बावजूद भारत में:
- घरेलू उपभोग
- निवेश में बढ़ोतरी
- निर्यात में सुधार
- सरकारी खर्च
जीडीपी को स्थिर बनाए रखने में सहायता करेंगे।
आरबीआई की नीति में बदलाव और इसका प्रभाव
RBI ने फरवरी 2025 में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की है ताकि आर्थिक विकास को मजबूती मिले।
- 2023 में रेपो रेट 6.5% पर स्थिर था
- 2025 में इसमें कमी की आरंभ हो चुकी है
इससे लोन की ब्याज दरें घटेंगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और खपत बढ़ेगी।
रोजगार और लैंगिक असमानता पर भी फोकस आवश्यक
- रोजगार में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखी जा रही
महिला श्रम भागीदारी में असमानता बनी हुई है
इस प्रदेश में सरकार को नीति आधारित प्रयासों की आवश्यकता है।